पूरी दुनिया को पूरा एक साल गुजर गया कोरोना वायरस महामारी से जूझते-जूझते। अगर बात भारत की करें तो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना का दंश यहां देखने को मिला। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 25,152 नए मामले सामने आए हैं जबकि 347 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही भारत में कोरोना के कुल मामले एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। यह आंकड़ा पार करने में 325 दिन लगे। इसी साल 30 जनवरी को देश में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। भारत में कोरोना के कुल मामले 1,00,04,599 दर्ज हुए हैं। तो आइए आपको हम बताते हैं कि एक करोड़ केस पहुंचने में कैसे-कैसे उतार-चढ़ाव सामने आए.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी पड़ने से इसके अंतिम 10 लाख मामलों की वृद्धि होने में 29 दिन का समय लगा जो जुलाई के बाद सर्वाधिक है।
कोरोना संक्रमण के मामले 20 नवंबर को 90 लाख के पार पहुंचे थे और 29 दिन बाद 19 दिसंबर को यह आंकड़ा एक करोड़ से अधिक हो गया। इससे पहले 80 से 90 लाख मामले होने में 22 दिन का समय लगा था।
देश में कोविड-19 संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था। कोरोना संक्रमितों की संख्या पहले 10 लाख तक पहुंचने में 169 दिन लगे और 17 जुलाई को यह 10,03,832 पर पहुंचा लेकिन इसके बाद संक्रमण में इतनी तेजी आयी कि एक समय महज 11 दिन में 10 लाख लोग इसकी चपेट में आ गये थे।
कोरोना संक्रमण के मामले दस से 20 लाख तक पहुंचने में 21 दिन का समय लगा था वहीं 20 से 30 लाख तक पहुंचने में 16 दिन, 30 से 40 लाख में 13 दिन, 40 से 50 लाख में 11 दिन, 50 से 60 लाख 12 दिन, 60 से 70 लाख में 13 दिन, 70 से 80 लाख में 18 दिन और 80 से 90 लाख तक पहुंचने में 22 दिन लगे थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोनामुक्त होने वालों की संख्या 95.50 लाख तथा रिकवरी दर बढ़कर 95.46 प्रतिशत हो गयी है। सक्रिय मामले 3.08 लाख पर आ गये हैं और इसकी दर 3.09 प्रतिशत रह गयी तथा मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 1,45,136 हो गया है और मृत्यु दर अभी 1.45 फीसदी है।