दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों खिलाफ किसान 23 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसान कानून वापसी पर अड़े हैं और इसको लेकर कोरोना संकट तथा सर्द मौसकम के बावजूद दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं।
वहीं केंद्र सरकार अलग-अलग तरीकों से किसानों को समझाने और उन्हें मनाने में जुटी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के किसानों की कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे। इस दौरान मोदी किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताएंगे।
इससे दो दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में किसान सम्मेलन को संबोधित किया था। तोमर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि नए कृषि कानून किसानों के हित में है। इसके साथ ही उन्होंने 17 दिसंबर यानी गुरुवार को किसानों के नाम चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें एसमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित किसानों की अन्य चिंताओं पर आश्वसन दिया है। वहीं मोदी ने सोशल मीडिया पर तोमर की चिट्ठी को शेयर करते हुए किसानों के साथ-साथ पूरे देश से इसे पढ़ने की अपील की है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को किसानों को सड़कों से हटाने की वाली याचिका लगातार दूसरे दिन दिन सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने किसानों को विरोध करने का हक है, लेकिन किसी की संपत्ति या किसी की जान को कोई खतरा नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने किसानों को विरोध करने के तरीके में बदलाव करने की भी सलाह दी थी। कोर्ट ने कहा था कि किसी शहर को जाम नहीं किया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या आप इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक कृषि कानूनों को रोक सकते हैं?
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