दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा आज जमकर हंगामा हुआ। इस मसले पर चर्चा के लिए दिल्ली सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया। इस सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ दी और केंद्र सरकार से अपील की कि वह अंग्रेजों से भी बदतर कानून ना बनें।
सत्र की शुरुआत में ही परिवहन एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई।
इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तारुढ़ दल के महेंद्र गोयल और सोमनाथ भारती ने सदन में कृषि कानून की प्रतियां फाड़ दी और जय जवान, जय किसान के नारे लगाते हुए कहा कि जो कानून किसानों के पक्ष में नहीं हैं, हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे।
वहीं केजरीवाल ने कहा कि महामारी के दौरान इन कानूनों को पास कराने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में वोटिंग के बिना ही तीन कानून पास कर दिए गए। मैं इन कानूनों की कॉपी फाड़ता हूं और केंद्र से अपील करता हूं कि अंग्रेजों से बदतर ना बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान 20 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। यानी औसतन हर रोज एक किसान शहीद हो रहा है। किसानों को अपनी आवाज सुनाने के लिए कितनी और कुर्बानियां देनी होंगी।
उधर, टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन कृषि कानूनों का विरोध नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने अहंकार को बचाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का सहारा ले रही है।