आईआईटी-जेईई (मेन) की परीक्षाओं की तारीखों का ऐलान हो गया है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि जेईई मेन्स की परीक्षा 4 सेशन में होगी। पहला सेशन 23 से 26 फरवरी 2021 के बीच होगा। वहीं, अन्य तीन सेशन मार्च, अप्रैल और मई में होंगे.
निशंक ने कहा कहा कि जेईई (मेन) 2021 में उपस्थित होने के लिए अभ्यर्थियों के पास 16 दिसंबर 2020 से लेकर 16 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन करने का मौका मिलेगा।
फरवरी के अलावा यह परीक्षाएं मार्च, अप्रैल और मई में भी आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा प्रत्येक सत्र के परीक्षा परिणाम परीक्षा की अंतिम तिथि के 4-5 दिनों में घोषित किए जाएंगे और अभ्यर्थी यदि चाहें तो परिणाम के बाद पोर्टल खुलने पर आगामी सत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी आगामी सत्रों के लिए, एक सत्र के परिणाम के बाद, अपना आवेदन वापस भी ले सकेंगे। इस स्थिति में, आगामी सत्रों के लिए जमा किया शुल्क, एनटीए द्वारा वापस किया जाएगा। इसके अलावा अभ्यर्थी आगामी सत्रों के लिए, एक सत्र के परिणाम के बाद, अपना सत्र बदल भी सकते हैं।
जो अभ्यर्थी परीक्षा के एक से अधिक सत्रों के लिए आवेदन करते हैं, तो वे प्रथम सत्र के बाद अन्य सत्रों की परीक्षा में उपस्थित भी हो सकते हैं और नहीं भी। इसके अलावा यदि कोई भी अभ्यर्थी एक सत्र के लिए आवेदन नहीं कर सका, तो वह इस सत्र के परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद, पोर्टल खुलने के पर अगले सत्र/ सत्रों के लिए आवेदन कर सकता है। जेईई (मेन) 2021 केवल “कंप्यूटर आधारित टेस्ट” (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी,केवल बी.आर्क की ड्राइंग परीक्षा “पेन एंड पेपर” (ऑफलाइन) मोड में आयोजित की जाएगी।
नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर, वर्ष 2021 में जेईई (मेन) परीक्षा पहली बार हिंदी, अंग्रेजी, असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू भाषा में आयोजित की जाएगी।
एनटीए ने पाठ्यक्रम में संशोधन के संबंध में देश भर में विभिन्न बोर्डों द्वारा लिए गए विभिन्न निर्णयों को ध्यान में रखकर, यह निश्चय किया है कि प्रश्नपत्र में 90 प्रश्न होंगे जिसमें उम्मीदवार को कुल 75 प्रश्न ही हल करने होंगे। 15 वैकल्पिक प्रश्नों में नेगेटिव मार्किंग भी नहीं होगी। उम्मीदवार के सर्वश्रेष्ठ एनटीए प्राप्तांक के आधार पर ही उम्मीदवार की मेरिट सूची / रैंकिंग बनाई जाएगी।
इस बार उत्तर प्रदेश के छात्र, जो पहले यूपीएसईई के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चर के पाठ्यक्रमों में उत्तर प्रदेश के संस्थानों में प्रवेश लिया करते थे, भी जेईई की परीक्षा में बैठ सकेंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री जी ने कहा, “2021 में जेईई (मेन) की परीक्षाएं को चार सत्रों में कराने का निर्णय छात्रों, अभिभावकों एवं शिक्षाओं के साथ हुए विभिन्न शिक्षा संवाद में दिए गए सुझावों के बाद लिया गया है।”