बिजनेस डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीःचालू वित्त वर्ष के नवंबर महीने में मांग में वृद्धि होने के कारण थोक मुद्रास्फीति की दर 1.55 प्रतिशत रही।  केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सोमवार को यह जानकारी दी।

मंंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया कि अक्टूबर 2020 में थोक मुद्रास्फीति की दर 1.48 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष में काेरोना महामारी के कारण खुदरा बाजार में मांग कम रही और अप्रैल से नवंबर 2020 तक अवधि में थोक मुद्रास्फीति की दर माइनस 0.28 प्रतिशत रही है। हालांकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 1.40 प्रतिशत रही थी।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2020 में खाद्य वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति की दर 4.27 प्रतिशत हो गई है। अक्टूबर 2020 में यह 5.78 प्रतिशत थी। इसी  माह में प्राथमिक वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति की दर 2.72 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों की दर 2.97 प्रतिशत दर्ज की गई है। इसी माह में ईंधन एवं बिजली की दर 9.87 प्रतिशत नकारात्मक रही है।

मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तु समूह में अनाज की थोक कीमतों में 5.54 प्रतिशत, गेंहू में 10.09 प्रतिशत,  प्याज में 7.58 प्रतिशत और फल में 3.80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि धान की थोक कीमतें 0.68 प्रतिशत, दलहन की 13.04 प्रतिशत, सब्जी की 12.24 प्रतिशत, आलू की 115.12 प्रतिशत,  दूध की 5.53 प्रतिशत, अंडा, मांस और मछली की 0.61 प्रतिशत बढ़ी हैं।

वहीं गैर खाद्य वस्तु समूह की  तिलहन की थोक कीमतों में 8.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। खनिज वर्ग के दाम 2.03 प्रतिशत बढ़े हैं। कच्चे तेल के दाम 25.70 प्रतिशत गिरे हैं। रसोई गैस (एलपीजी) के दामों में 4.38 प्रतिशत, पेट्रोल में 14.69 प्रतिशत और हाई स्पीड डीजल में 19.23 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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