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संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आज शाम पांच भूख हड़ताल करेंगे तथा सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देंगे। इस संबंध में किसानों ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर बैठक की और कहा कि यहां से जो भी फैसला होगा, वहीं आखिरी होगा।

किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ 19 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप (APP) यानी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी किसानों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठकने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी भूख हड़ताल करने की अपील की है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी करार दिया है।

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किसान आंदोलन को लेकर सक्रिय हो गए हैं। हालांकि शाह की अभी तक किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, लेकिन अब वह हर मुद्दे को खुद देख रहे हैं। किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर शाह ने पिछले दो दिन में पांच से ज्यादा बैठकें की हैं।

किसानों को मनाने और आंदोलन खत्म कराने के लिए अलग-अलग मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। पंजाब के किसानों को मनाने की जिम्मेदारी खुद शाह ने ली है,स जबकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अलग-अलग राज्यों और यूनियनों की जिम्मेदारी दी गई है।

नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच फिर से वार्ता शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर दोनों स्ट्रैटजी बनाने में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार से चर्चा के लिए जाने वाले किसानों की संख्या कम की जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें इस बात पर नजर रखने की जरूरत है कि कोई गलत तत्व हमारे बीच न घुसे। उधर, शाह ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की है और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही किसानों को चर्चा के लिए आमंत्रित करेगी।

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