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राष्ट्रीय

किसानों के समर्थन में उतरे पंजाब पुलिस के डीआईजी लखमिंदर, पद से दिया इस्तीफा बोले किसान का बेटा हूं, दिल्ली जाकर दूंगा भाइयों का साथ

दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन फिलहाल थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। किसानों के आंदोलन का आज 18वां दिन से आंदोलन है। कोरोना संकट तथा सर्दी के मौसम के बावजूद किसान अपने हक की खातिर राष्ट्रीय राजधानी की समाओं पर डटे हुए हैं। इस बीच अब पंजाब पुलिस भी किसानों के समर्थन में आ गई है। डीआईजी (DIG जेल) यानी उप महानिरक्षक लखमिंदर सिंह जाखड़ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एडीजीपी (ADGP जेल) यानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीके सिन्हा ने जाखड़ के इस्तीफे की कॉपी मिलने की पुष्टि की है।

लखमिंदर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि प्रदेश के किसान परेशान हैं और ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे हैं। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता हूं। मुझे तुरंत प्रभाव से पदमुक्त करें, ताकि दिल्ली जाकर अपने किसान भाइयों के साथ मिलकर अपने हक के लिए लड़ सकूं।

इस बीच दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए राजस्थान से हजारों किसान आज यहां पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। हमें संशोधन मंजूर नहीं है। हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं। कमलप्रीत पन्नू ने आगे कहा कि हमारे गांव से लोग चल पड़े हैं। लोग आ न सके इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, वो भी तोड़ दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है. कल रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे। कमलप्रीत पन्नू आगे कहते हैं कि 14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे। कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि 14 दिसंबर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे। हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे। वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चारुणी ने कहा कि पंजाब से आने वाले किसानों को रोका जा रहा है. हम सरकार से किसानों को दिल्ली पहुंचने की अनुमति देने की अपील करते हैं। कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि हम अपनी माताओं और बहनों को भी इस आंदोलन में बुला रहे हैं।  उनके लिए यहां रुकने की सभी व्यवस्था की जा रही है. महिलाओं के लिए वाटर प्रूफ टेटिंग होगी और बाथरुम होंगे।

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चारुणी ने आगे कहा कि अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हम उसी दिन गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस से उपवास शुरू करेंगे।  बहरहाल किसानों के रुख से साफ है कि वे मोदी सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं।

 

Shobha Ojha

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