संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 18वां दिन है। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि वह इन कानूनों में सुधार करने को तो तैयार है, लेकिन वह इन्हें वापस नहीं लेगी। वहीं किसान इन कानूनों को रद्द किए जाने के सिवाय कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं। किसान अपनी इसी को लेकर किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कर सकते हैं। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे।
इस बीच दिल्ली की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए राजस्थान से हजारों किसान आज यहां पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। किसान नेता कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। हमें संशोधन मंजूर नहीं है। हम सरकार से बातचीत से इनकार नहीं करते हैं। कमलप्रीत पन्नू ने आगे कहा कि हमारे गांव से लोग चल पड़े हैं। लोग आ न सके इसके लिए बैरिकेड लगाए गए, वो भी तोड़ दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अभी हमारा धरना दिल्ली के 4 प्वाइंट पर चल रहा है. कल रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे बंद करेंगे। कमलप्रीत पन्नू आगे कहते हैं कि 14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे। कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि 14 दिसंबर को सारे देश के डीसी ऑफिस में प्रोटेस्ट करेंगे। हमारे प्रतिनिधि 14 दिसंबर को सुबह 8 से 5 बजे तक अनशन पर बैठेंगे। वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चारुणी ने कहा कि पंजाब से आने वाले किसानों को रोका जा रहा है. हम सरकार से किसानों को दिल्ली पहुंचने की अनुमति देने की अपील करते हैं। कमलप्रीत पन्नू ने कहा कि हम अपनी माताओं और बहनों को भी इस आंदोलन में बुला रहे हैं। उनके लिए यहां रुकने की सभी व्यवस्था की जा रही है. महिलाओं के लिए वाटर प्रूफ टेटिंग होगी और बाथरुम होंगे।
वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चारुणी ने आगे कहा कि अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हम उसी दिन गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस से उपवास शुरू करेंगे। बहरहाल किसानों के रुख से साफ है कि वे मोदी सरकार के सामने झुकने वाले नहीं हैं।