पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है. इस महामारी से निजात पाने के लिए की देशों ने वैक्सीन बना ली है. रूस और ब्रिटेन में तो इसके टीके भी लगने शुरू हो गए हैं. भारत भी इस दिशा में तेजी से कदम उठा रहा है. अब खबर आई है कि भारत की mRNA तकनीक पर आधारित कोरोना वैक्सीन HGCO19 को पहले और दूसरे चरण के ह्यून ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. ये भारत में mRNA तकनीक वाली कोविड19 की पहली वैक्सीन है, जिसे ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी गई है. भारतीय ड्रग नियामक ने ये परमिशन दी है. इस बात की तस्दीक साइंस और टेक्नॉलजी मंत्रालय सार्वजनिक की.
बता दें कि HGCO19 वैक्सीन को पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स बना रही है. जिसे फेज-1 और 2 के ह्यूमन ट्रायल की परमिशन मिली है. जेनोवा इस वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी एचडीटी बायोटेक कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर बना रही है. कंपनी ने फेज-1 और दो के ह्यूमन ट्रायल करने के लिए अथॉरिटी को प्रस्ताव भेजा था. जानकारी के अनुसार, सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश के बाद इस वैक्सीन को क्लिनिकल ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी गई है.
क्या है mRNA तकनीक
mRNA तकनीक में वैक्सीन की मदद से मानव कोशिकाओं को जेनेटिक निर्देश मिलता है, जिससे वो वायरस से लड़ने के लिए प्रोटीन विकसित कर सके. यानी इस तकनीक से बनी वैक्सीन शरीर की कोशिकाओं में ऐसे प्रोटीन बनाती है जो वायरस के प्रोटीन की नकल कर सकें. संक्रमण होने पर उसे बाहरी आक्रमण समझकर इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है और बाहरी वायरस को नष्ट कर देती है. आपको बता दें कि देश में कई कोरोना वैक्सीन पर लगातार काम चल रहा है. कई वैक्सीन ने काफी प्रगति भी की है.
आपको बता दें कि पुणे की कंपनी Genova अमेरिकी कंपनी HDT के साथ मिलकर HGCO 19 वैक्सीन विकसित कर रही है. mRNA आधारित इस वैक्सीन का जानवरों पर ट्रायल पूरा हो चुका है, अब ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के पहले और दूसरे चरण के लिए मंजूरी मिली है.