पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी करीब 4 महीने का वक्त बाकी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच घमासान मचा है. बीजेपी राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर ममता सरकार को घेरने में जुटी है, वहीं टीएमसी बीजेपी के आरोपों को खारिज कर रही है. अब जो खबर आई उससे बंगाल की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जब डायमंड हार्बर जा रहे तभी टीएमसी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर हमला कर दिया. जिस समय से हमला किया गया उस वक्त नड्डा के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे.
इस हमले के बाद बीजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग भी की है. वहीं, अब गृह मंत्रालय ने भी बड़ा कदम उठाया है. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति और कानून-व्यवस्था को विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. राज्यपाल के साथ ही डीजीपी और मुख्य सचिव से भी रिपोर्ट मांगी गई है. आपको बता दें कि दक्षिण 24 परगना में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच गुरुवार को झड़प हुई. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला रोकने की कोशिश की. इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी भी की.
इस घटना के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. मुकुल रॉय ने कहा कि आज की स्थिति को देखते हुए पश्चिम बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.
घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टीएमसी पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आज बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है. उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है और बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रवास के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद मैंने उनसे फोन पर बात करके उनके कुशल क्षेम की जानकारी प्राप्त की है. यह घटना पश्चिम बंगाल राज्य की गिरती कानून व्यवस्था का परिचायक है.
राजनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक नेताओं को इस तरह से निशाना बनाना बेहद चिंताजनक है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफिले पर हुए हमले की गंभीरता को देखते हुए इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए और इस घटना की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए.