मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब और तेज होगा. पिछले दो हफ्ते से किसान दिल्ली सीमा पर धरना दे रहे हैं. केंद्र सरकार के साथ उनकी बीच 6 दौर की वार्ता हो चुकी है. 8 दिसंबर को हुई छठे दौर की वार्ता के बाद आज सरकार ने किसानों को लिखित में एक प्रस्ताव भेजा था. लेकिन किसानों ने नामंजूर कर दिया. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सीताराम येचुरी सहित विपक्ष के पांच नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उनसे यह मांग की कि कृषि बिल को रद्द किया जाये. राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण स्थिति गंभीर हो गयी है इसलिए इस बिल को तुरंत वापल लिया जाये.
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये जो बिल मोदी सरकार द्वारा पास किया गया ये किसान विरोधी है. राहुल गांधी ने कहा की प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये बिल किसानों के हित के लिए है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ये बिल किसानों के हित में है तो वो सड़कों पर क्यों खड़ा है, किसान इतना गुस्सा क्यों है?
राहुल गांधी ने कहा कि किसान इतना गुस्सा इसलिए हैं क्योंकि इन बिलों का लक्ष्य प्रधानमंत्री जी के मित्रों को हिंदुस्तान का एग्रीकल्चर सिस्टम को पकड़ाने का है. किसान इस बात को समझ चुका है. किसानों की शक्ति के सामने कोई खड़ा नहीं हो सकता है. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि किसान हट जाएंगे, डर जाएंगे. हिंदुस्तान का किसान तब तक नहीं डरेंगे नहीं और ना ही हटेंगे जब तक ये बिल रद्द नहीं हो जाता है.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि किसान समझौता नहीं करेंगे क्योंकि उनको समझ आ गई है ये बात की अगर वो आज समझौता कर गए तो उनका भारत में कोई भविष्य नहीं रहेगा. राहुल गांधी ने किसानों से कहा कि अगर आप आज खड़े नहीं हुए तो कभी नहीं खड़े हो पाएंगे. राहुल गांधी ने कहा कि हम किसानों के साथ हर समय खड़े हैं क्योंकि किसान ही हिंदुस्तान है.