देश में आज एक ऐसी योजना को मंजूरी दी गई है जोकि भारत में डिजिटल क्रांति ला देगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हु. जिसमें देश में फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने की कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश में 1 करोड़ डाटा सेंटर खोलने की योजना को मंजूरी दी गई है. इस योजना को ‘पीएम वाई-फाई एक्सेस इंटरफेस’ नाम दिया गया है. सरकार का दावा है कि इससे देश में फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी की दिशा में जबरदस्त बदलाव आएगा.
केंद्र नें ऐलान किया कि उसकी तरफ से पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) को खोला जाएगा, जिसके लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी. सरकार से मात्र 7 दिनो में डेटा सेंटर खोलने की इजाजत मिलेगी. बता दें कि भारत सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इंटरनेट पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी की योजना पर काम किया जा रहा है. इसी योजना के तहत केंद्र सरकार ने कोच्चि से लक्ष्यद्वीप के बीच ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की मंजूरी दे दी गई है. इस योजना पर करीब 1072 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च आने की बात कही गई है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि कोच्चि से लक्षद्वीप के 11 द्वीपों में 1000 दिन में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टविटी पहुंचा दी जाएगी. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश और असम के दो जिलों में मोबाइल कवरेज के लिए यूएसओएफ योजना को मंजूरी दे दी गई है,जिससे असम और अरुणाचल प्रदेश के 2374 गांवों में मोबाइल कवरेज उपलब्ध हो सकेगा. इसके लिए 1533 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे. माना जा रहा है कि इस तरह की मंजूरी से इन प्रदेशों में विकास का रास्ता खुलेगा.