बिहार के विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। हालांकि उनका दल- जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. लेकिन बीजेपी की जोरदार जीत के दम पर वे फिर से मुख्यमंत्री बने। सीएम की कुर्सी सम्भालने के बाद पहली बार नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में 60 प्रतिशत से अधिक अपराध का कारण भूमि विवाद को बताया और कहा कि जमीन संबंधी समस्या के समाधान से समाज में और शांति आएगी।
मुख्यमंत्री ने यहां एक, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि वर्ष 2005 में शुरू किए गए ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान अधिकांश समस्याएं जमीन से जुड़ी पाई गई। समग्र आकलन एवं अध्ययन के बाद नया कानून बनाया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 प्रतिशत से अधिक अपराध भूमि विवाद के कारण होता है। जमीन संबंधी विवाद का समाधान होने से समाज में और शांति स्थापित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास के कई काम किए गए हैं। इससे जमीन की कीमत भी बढ़ी है। कुछ लोग जमीन की धांधली के काम में भी लिप्त हैं। सरकार का उद्देश्य जमीन से संबंधित आपसी विवाद को समाप्त करना है इसलिए ऐसा उपाय किया जाय कि कोई भूमि के स्वामित्व में गड़बड़ी न कर सके। समाज में शांति रहने से विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पाएगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक, पंद्रह दिन में एक बार अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा सप्ताह में एक दिन अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष निश्चित रूप से बैठक करें। जो भी गड़बड़ी करे उस पर कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे की जमीन रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले के अंतर्गत आते हैं उसे उन जिलो में शीघ्र हस्तांरित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन के वास्तविक कागजात अंचल कार्यालय में रखे जाएं। उन कागजातों की स्कैनिंग भी कराई जाय ताकि रिकॉर्ड पूरी तरह सुरक्षित रह सके। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि अंचलाधिकारी को विभागीय कार्य में ही ज्यादा उपयोग किया जाय। उन्हें आपदा के कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों में न लगाएं।
नीतीश कुमार ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून के तहत जमीन से संबंधित लंबित कार्यों का तेजी से निपटारा करें। बेनामी जमीन की भी पहचान करें। जो लोग चोरी-छुपे व्यवसायिक कार्य कर रहे हैं उनकी पहचान कर उनपर कमर्शियल टैक्स भी लगाएं। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की निगरानी हो तथा विभाग में जरूरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाय ताकि कमा की गुणवत्ता और गति प्रभावित न हो।
बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सह सदस्य त्रिपुरारी शरण, गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्टाफ सर्विस कमीशन के अध्यक्ष रवींद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा एवं अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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