संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सरकार आज कृषि से संबंधित कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बीत करेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के प्रतिनधियों को आज दोपहर तीन बजे बातचीत के लिए नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आमंत्रित किया है। किसानों के साथ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति बातचीत करेगी।
कृषि से संबंधित केंद्र सरकार के तीन नये कानूनों का किसान विरोध कर रहे हैं और सर्दी तथा कोरोना संकट के बावजूद हजारों किसान पिछले पांच दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर धरना दे रहे हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के जरिए सरकार एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को समाप्त करना चाहती है। किसानों के प्रदर्शन की वजह से सिंघु और टिकरी बॉर्डर बंद है, वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर ठोस बैरिकेडिंग की गई। किसानों के प्रदर्शन का छठ दिन है। इस बीच तोमर ने किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुए आज यानी मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है।
तोमर ने कहा है कि कोरोना वायरस एवं सर्दी के मद्देनजर हमने किसान यूनियनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिअ आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है।
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर एक दिसंबर को चर्चा के लिये आमंत्रित किया है। उन्होंने जिन किसान संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीाय किसान सभा , कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं। इससे पहले 13 नवंबर को किसानों के साथ सरकार की बैठक बेनतीजा रही थी। इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था ताकि तीन नये कृषि कानूनों से उपजी उनकी चिंताओं का निराकरण किया जा सके।
उधर, प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं के निकट और अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं। इस बीच दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश के सभी बिंदुओं पर अवरोधक लगा कर सील कर दिया है। किसानों ने रविवार को घोषणा की थी कि वे आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रवेश के पांच रास्तों को जाम करेंगे। किसानों ने इन कानूनों पर चर्चा करने के लिये केंद्र सरकार की ओर से रखी गई शर्त को मानने से इनकार कर दिया था। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे उनके ‘मन की बात’ को सुनें।
आपको बता दें कि इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा। किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई, जिसमें किसानों ने शाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। किसानों ने बुराड़ी मैदान में जाने से इनकार करते हुए कहा कि हम दिल्ली को घेरने आए हैं, दिल्ली में घिरने नहीं।