संवाददाता
प्रखर प्रहरी
वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यह 23वां मौका है जब मोदी अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दोपहर में छह लेन हाईवे का लोकार्पण किया। इसके बाद शाम के समय वह काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और बाबा विश्वनाथ का अभिषेक किया। फिर अलकनंदा क्रूज से राजघाट पहुंच कर दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके साथ ही काशी के 84 घाट 15 लाख दीयों से रोशनी से जगमग हो गए। यहीं से पीएम ने देशवासियों को संबोधित किया और कहा कि कोरोना काल में काफी कुछ बदल गया पर काशी की शक्ति और भक्ति नहीं, यही तो मेरी अविनाशी काशी है।
पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत काशी के कोतवाल की जयकारे के साथ ही। इसके बाद उन्होंने भोजपुरी में कार्तिक महीने का महत्व बाताय। उन्होंने कहा कि नारायण का विशेष महीना यानी पुण्य कार्तिक मास के पुनमासी कहलन। इस पुनमासी पर गंगा में डुबकी लगावे, दान-पुन्य का महत्व रहल। बरसों से दशाश्वमेघ, शीतला घाट या अस्सी पर सब डुबकी लगावत आवत रहल। पंडित रामकिंकर महाराज पूरे कार्तिक महीना बाबा विश्वनाथ के राम कथा सुनावत रहलन। देश के हर कोने से लोग उनके कथा सुने आवे।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने भले ही काफी कुछ बदल दिया है, लेकिन काशी की ऊर्जा, भक्ति, शक्ति उसको कोई थोड़े ही बदल सकता है। सुबह से ही काशीवासी स्नान, ध्यान और दान में ही लगे हैं। काशी वैसे ही जीवंत है, काशी की गलियां वैसी ही ऊर्जा से भरी हैं, काशी के घाट वैसे ही दैदीप्यमान हैं। यही तो मेरी अविनाशी काशी है।
उन्होंने मां अन्नपूर्णा की मूर्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि 100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा फिर एकबार अपने घर लौटकर आ रही हैं। काशी के लिए ये बड़े सौभाग्य की बात है।
मोदी ने अपने संबोधन के दौरान देश की खातिर अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को नमन किया साथ ही बिना नाम लिए पाकिस्तान तथा चीन को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ये दीपक उनके लिए भी जल रहे हैं, जो देश और जन्मभूमि के लिए बलिदान हुए। ये पल भावुक कर जाता है। देश की रक्षा में अपनी शहादत देने वाले, अपनी जवानी खपाने वाले, अपने सपनों को मां भारती के चरणों में बिखेरने वाले हमारे सपूतों को नमन करता हूं। साथियों चाहे सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें हों, विस्तारवादी ताकतों का दुस्साहस हो, या देश के भीतर देश को तोड़ने वाली साजिशें हों, भारत आज सबका जवाब दे रहा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। इसके साथ ही देश अब गरीबी, अन्याय और भेदभाव के अंधकार के खिलाफ भी बदलाव के दीये जला रहा है।
पीएम ने गुरु नानक देव का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन ही गरीब, शोषित, वंचित की सेवा में समर्पित किया था। काशी का गुरु नानक देव से आत्मीय संबंध भी रहा है। उन्होंने लंबा समय काशी में व्यतीत किया था। काशी का गुरुद्वारा उस दौर का साक्षी है, जब गुरु नानक जी पधारे थे और नई राह दिखाई थी। आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म के बहुत बड़े प्रतीक तो गुरु नानक देव जी थे।
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