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किसानों के आंदोलन को लेकर चिंतित है सरकार, देर रात नड्डा, शाह और तोमर के बीच हुई बैठक
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किसानों के आंदोलन को लेकर चिंतित है सरकार, देर रात नड्डा, शाह और तोमर के बीच हुई बैठक

संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कृषि से संबंधित कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों से सरकार चिंतित है। इसको लेकर देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। उधर, किसान संगठनों ने बातचीत के लिए किसी भी शर्त को मानने से मना कर दिया है।

हालांकि नड्डा , शाह तोमर के बीच किसानों आंदोलन को खत्म कराने की रणनीति पर हुई मथापच्ची की आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। आपको बता दें कि शाह ने किसान नेताओं को सड़क जाम समाप्त कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी

वहीं किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि किसान संगठन बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। किसान संगठनों की रविवार को बैठक हुई, जिसमें पंजाब के 20 से अधिक किसान संगठनों ने आंदोलन स्थल पर ही बातचीत करने पर जोर दिया ।

उधर,  तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों के साथ खुले मन से बातचीत करना चाहती हैं और कृषि सुधार कानूनों का कृषि उत्पादों के एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कोई लेना देना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि कृषि सुधार कानूनों से किसानों को नए अधिकार और अवसर मिले हैं । संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधार कानूनों को पारित किया है। इन सुधारों से किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं।

किसान पिछले दिनों बनाए गए कृषि से संबंधित तीन कानूनों को विरोध कर रहे हैं और किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए सरकार की ओर से दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल सका था। किसान संगठन तीनों कृषि सुधार कानूनों को समाप्त करने , एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज किए गए मामलो को वापस लेने सहित कई अन्य मांग कर रहे है ।

प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा पर जमे हैं, जिससे कई प्रमुख रास्ते पिछले चार दिन से बंद है और बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं ।कुछ किसान संगठन राजधानी के रामलीला मैदान या जंतर मंतर आकर आंदोलन करना चाहते हैं। किसान संगठन अपने साथ राशन पानी लेकर आए हैं और लंबे समय तक आंदोलन की तैयारी में हैं ।

उधर हरियाणा के खाप पंचायतों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने तथा आज दिल्ली मार्च करने का निर्णय किया है। खाप पंचायतों की इस सिलसिले में रविवार को बैठक हुई थी, जिसमें यह यह निर्णय लिया गया।

Shobha Ojha

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