संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कृषि से संबंधित तीन नये कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज तीसरा दिन है। पंजाब और हरियाणा के किसान आज भी दिल्ली बॉर्डर (सिंघु और टीकरी) पर डटे हुए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों तथा पुलिस के बीच सिंघु पर शुक्रवार को हुए संघर्ष के बाद के सरकार ने किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत दे दी थी। प्रदेश सरकार ने कहा कि किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने दिल्ली में एंट्री से इनकार कर दिया है। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि हम दिल्ली को घेरने आए हैं, दिल्ली में घिरने के लिए नहीं आए हैं।

हजारों प्रदर्शनकारी किसान शुक्रवार रात सिंघु बॉर्डर पर ही रहे। किसानों का कहना है कि हम हाईवे पर ही प्रदर्शन करेंगे। हम किसानों के खिलाफ बने काले कृषि कानूनों से मुक्ति के बाद ही वापस जाएंगे।

उधर, किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर के कई कॉलेजों ने परीक्षाएं टाल दी हैं। परीक्षाएं स्थगित होने के कारण बाहर से आने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ गई हैं। छात्रों का कहना है कि कॉलेज इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी थी, अचानक से परीक्षाएं टाल दी गईं।

किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?
केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि से संबंधित तीन 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट,  द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए हैं। किसान इन्हीं तीनों कानूनों का विरोध कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से इसके विरोध में सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार एमएसपी हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।

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