स्पोर्ट्स डेस्क

प्रखर प्रहरी

ब्यूनस आयर्सः दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शुमार डिएगो माराडोना अब हमारे बीच नहीं रहे। हार्ट अटैक की वजह से 60 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। 1986 में अर्जेंटीना के विश्व कप की जीत के नायक रहे माराडोना दो हफ्ते पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। उस समय उन्हें ब्रेन सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

माराडोना 1986 में विश्वकप के दौरान किए गए फेमस गोल के लिए विख्यात थे,  “हैंड ऑफ गॉड” के नाम से जाना जाता है। इसी गोल की मदद से अर्जेंटीना ने इंग्लैंड को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माराडोना के ब्रेन सर्जरी के बाद 11 नवंबर को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।

माराडोना ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 34 गोल किए। माराडोना ने चार बार फीफा वर्ल्ड कप टूर्नामेंटों खेला, जिसमें 1986 का विश्व कप शामिल था। वह 1986 वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के कैप्टन भी थे। इस वर्ल्ड कप में वह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए थे और उन्हें गोल्डन बॉल अवॉर्ड से नवाजा गया था।

माराडोना फीफा प्लेयर ऑफ द सेंचुरी के खिताब से भी नवाजे जा चुके थे। उन्होंने एक बार वर्ल्ड कप गोल्डन बॉल, एक बार बेलोन डी ओर, दो बार साउथ अमेरिकन फुटबॉलर ऑफ द ईयर, छह बार नेशनल लीग टॉप स्कोरर अवॉर्ड भी जीता था।

माराडोना फुटबॉल से रिटायरमेंट के बाद कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके थे। 2000 में माराडोना ने इतनी ज्यादा कोकीन का सेवन कर लिया था, उनका हार्ट फेल होने का खतरा उत्पन्न हो गया था। इसके बाद कई साल तक रिहैबिलिटेशन में रहे थे। इसके बाद 2005 में माराडोना का वेट लॉस के लिए ऑपरेशन हुआ था।

2007 में ज्यादा शराब पीने की वजह से माराडोना को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पिछले फुटबॉल वर्ल्ड कप में भी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इस वर्ल्ड कप में उन्हें एग्जीक्यूटिव बॉक्स में देखा गया था। इसी दौरान अर्जेंटीना ने नाइजीरिया को हराया था।

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