संवाददाता

प्रखर प्रहरी

पटनाःबिहार में कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। वहीं विवाह में 100 तथा श्राद्धकर्म में 25 से अधिक लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगा दी गई है।

बिहार सरकार ने गुरुवार को कोरोना की दूसरी लहर के बीच इसके प्रसार रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है। वहीं विवाह में 100 और श्राद्धकर्म में 25 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगा दी।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने आज संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए निगरानी, कंटेनमेंट एवं सावधानी के लिए दिशा-निर्देश के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन की अवधि को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी। साथ ही कुछ अन्य निर्देश भी दिये गये हैं। बिहार सरकार ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय का इन आदेश को निम्नलिखित शर्तों एवं निर्देशों के साथ पूरे राज्य में 31 दिसंबर तक लागू रखने का निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि  कंटेनमेंट जोन के बाहर 26 नवंबर से 03 दिसंबर तक वैवाहिक कार्यक्रम, कार्तिक पूर्णिमा स्नान एवं श्राद्ध क्रियाकर्म को विनियमित करने के लिए एसओपी यानी मानक संचालन प्रक्रिया जारी करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत वैवाहिक कार्यक्रम के आयोजन में अधिकतम 100 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति रहेगी। इस कार्यक्रम में शामिल सभी व्यक्तियों के लिए फेस कवर/मास्क का उपयोग करना जरूरी होगा। प्रवेश के समय हाथ को सेनिटाइजर से सेनिटाइज करने अथवा धोने तथा थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

उन्होंने बताया कि वैवाहिक कार्यक्रम स्थल के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले परिसर या मैदान में अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों जैसे दरवाजे का हैंडल, माईक, कुर्सी, टेबल, नल, रेलिंग, बैरीकेडिंग को समय-समय पर साफ एवं प्रभावी किटाणुनाशक से विसंक्रमित किये जाने का आदेश दिया गया है। इस दौरान कोविड-19 बीमारी के लक्षणों से रहित (असंक्रमित) व्यक्तियों को ही शामिल होने की अनुमति दी जा सकेगी। कार्यक्रम के आयोजक, होटल एवं विवाह भवन प्रबंधक आगंतुकों द्वारा छोडे गये मास्क, फेस कवर या दस्ताने के समुचित निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

सुबहानी ने बताया कि जिला प्रशासन को वैवाहिक कार्यक्रम के आयोजक, होटल एवं विवाह भवन प्रबंधक से समन्वय स्थापित कर इस दिशा-निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी होगी। उन्होंने बताया कि सड़कों पर बैंड बाजा एवं बारात के जुलूस की अनुमति नहीं होगी। हालांकि वैवाहिक समारोह स्थल या परिसर में इसकी अनुमति दी जा सकेगी।

उन्होंने बताया कि श्राद्ध कर्म में 25 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। सामाजिक दूरी, मास्क तथा कोविड-19 सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। इसी तरह जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान के सम्बन्ध में, नागरिक इकाईयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेशों के आलोक में लोगों को जागरुक किया जाए कि भीड़- भाड़ तथा जल संक्रमित होने की स्थिति में संक्रमण फैलने का खतरा होगा। इसलिए, लोगों को नदी घाटों पर स्नान के लिए नहीं जाने के लिए प्रेरित किया जाए।

 उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान चलने वाली बसों को विनियमित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्नान के दौरान 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष के कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को घर में ही रहने की सलाह दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देश के आलोक में समीक्षा के बाद पाया गया कि पटना शहर में पॉजिटिविटी मामलों की दर 10 प्रतिशत से अधिक है तथा बेगूसराय, जमुई, वैशाली, पश्चिम चम्पारण एवं सारण जिले में पिछले एक सप्ताह में इस दर में ज्यादा वृद्धि हुई है। इसलिए, कोविड-19 वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पटना, बेगूसराय, वैशाली, पश्चिम चंपारण, सारण एवं जमुई जिलों में अवस्थित सभी अत्यावश्क सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को छोड़कर अन्य सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तक निर्धारित करने का निर्णय लिया गया।

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