संवाददाता

प्रखर प्रहरी

पटनाः बिहार में महागठबंध की पूरजोर मोर्चाबंदी के बावजूद बुधवार को एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंध वियरी रहा। एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए। जेडीयू आखिरी समय में व्हिप जारी करने से तेजस्वी का खेल बिगड़ गया। इस तरह से बिहार विधानसभा में पहली बार बीजेपी को स्पीकर की कुर्सी मिल गई।

बिहार में 1969 यानी 51 साल बाद स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ, जिसमें सिन्हा ने 114 के मुकाबले 126 वोटों से जीत हासिल की। प्रोटेम स्पीकर ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बारी-बारी से खड़ा कर वोटों की गिनती कराई और दोपहर करीब पौने एक बजे प्रोटेम स्पीकर ने एनडीए उम्मीदवार सिन्हा को विजयी घोषित किया। सिन्हा के पक्ष में 126 वोट और विरोध में 114 वोट पड़े। हंगामे के बीच नए अध्यक्ष को तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आसन पर बैठाया। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में मांझी ने प्रोटेम स्पीकर होने की वजह से वोट नहीं दिया, जबकि बीएसपी के दो विधायक गैर-हाजिर रहे।

स्पीकर के चुनाव से पहले विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायक वेल में आ गए और नीतीश कुमार की मौजूदगी का विरोध करने लगे। दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। विपक्ष इस बात पर भी अड़ा था कि जब सीएम नीतीश कुमार और दो मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सहनी नई विधानसभा के सदस्य नहीं हैं तो उन्हें मतदान प्रक्रिया के दौरान सदन से बाहर किया जाए और सीक्रेट बैलेट से वोटिंग कराई जाए।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के कारण प्रोटेम स्पीकर मांझी ने विधान परिषद के सदस्य नीतीश कुमार और दोनों मंत्रियों चौधरी और सहनी को बाहर जाने को कहा। दोपहर 12 बजे करीब 5 मिनट के लिए सदन स्थगित करा दिया।

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