संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः कोरोना महामारी के खराब प्रबंधन को लेकर आठ दिन बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दूसरी बार दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार कोरोन मैनेजमेंट के लिए जरूरी कदम उठाने में ढीला रवैया अपना रही है। कोर्ट ने कहा, “आपने केंद्र के साथ आज बातचीत शुरू की है, जबकि आपको यह पहले करना चाहिए था। हम यह नहीं कह रहे कि आप कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन जो कर रहे हैं, वह काफी नहीं है।” कोर्ट ने यहां तक कहा कि हर दिन कोविड के कारण मरने वालों के परिजनों को सरकार क्या जवाब देगी?
इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कोविड के कारण हर दिन मरने वालों के परिजनों को सरकार क्या जवाब देगी? कोर्ट ने पूछा, “हर रोज मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। प्रतिदिन रोज कोई न कोई अपने किसी करीबी या परिजन को खो रहा है। उन्हें क्या जवाब देंगे? मरने वालों को वापस तो नहीं लाया जा सकता। हम यह नहीं कह रहे कि इसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है। आम जनता की भी जिम्मेदारी बनती है, लेकिन अथॉरिटी होने के नाते हमें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।” साथ ही कोर्ट ने दिल्ली कोरोना प्रभावित महानगरों में टॉप पर पहुंचने पर चिंता जताई।
कोविड से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने को लेकर भी कोर्ट ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। कोर्ट ने पूछा, “आप किस तरह की निगरानी कर रहे हैं? किस कानूनी प्रावधान के तहत आप लोगों को मास्क न पहने और सामाजिक दूरी का पालन न करने के लिए दंड दे रहे हैं? जुर्माना लगाने का मकसद अपराध को रोकना होना चाहिए जिससे लोगों को पता चल सके कि अगर वे इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो दूसरों के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।”