संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सभी संवाद समितियों सहित समाचार वेबसाइट तथा अन्य डिजिटल समाचार माध्यमों को एक महीने के भीतर विदेशी  निवेश के बारे में सारी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय देनी पड़ेगी। सरकार ने 26 प्रतिशत एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश करने वाली सभी संवाद समितियों सहित समाचार वेबसाइट तथा अन्य डिजिटल समाचार माध्यमों को एक महीने के भीतर इस संबंध में सारी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय को देने को कहा है।

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इस संबंध में सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार ने 18 सितंबर 2019 को 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष पूंजी निवेश का फ़ैसला किया था। उस फैसले के तहत जिस  किसी भी डिजिटल समाचार माध्यम में 26 प्रतिशत विदेशी  पूंजी निवेश  हुआ है, वे अपनी कम्पनी की हर जानकारी सरकार को एक माह में दे। यदि  किसी डिजिटल समाचार कम्पनी में 26 प्रतिशत से अधिक पूंजी निवेश हुआ हो, तो वह भी सारी जानकारी दे ताकि उसे कम कर 26 प्रतिशत  किया जा सके।

मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी  कंपनियां अपनी कंपनी में शेयर होल्डिंग के बारे में भी सूचना दें तथा कंपनी के निदेशकों शेयरधारकों के नाम और पते भी भेजें। इसके अलावा डिजिटल समाचार माध्यम अपने प्रमोटरों के नाम पता भी भेजें और जो लोग इस डिजिटल समाचार की सेवा ले रहे उनके मालिकों का भी नाम पता दें। विज्ञप्ति के अनुसार यह समाचार कंपनियां अपने खाते का नंबर, ऑडिट रिपोर्ट तथा गैर ऑडिट रिपोर्ट में अपने मुनाफे एवं घाटे की जानकारी तथा बैलेंस शीट भी भेजें। विज्ञप्ति में भी कहा गया है कि अगर कोई डिजिटल समाचार माध्यम प्रत्यक्ष  विदेशी पूंजी निवेश करना चाहता है तो वह केंद्र सरकार की अनुमति ले और इसके लिए वह डीपीईटी के विदेशी निवेश पोर्टल के जरिए यह अनुमति प्राप्त कर सकता है।
प्रत्येक डिजिटल समाचार माध्यम अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और सीईओ की नागरिकता के बारे में भी जानकारी दें और सभी विदेशी निवेशकों की दो माह के भीतर सुरक्षा मंजूरी लेनी होगी और इसके लिए उसे दो माह पूर्व आवेदन करना होगा। उसके बाद ही उस विदेशी लोगों की कम्पनी में नियुक्ति हो सकेगी ।

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