Deprecated: The PSR-0 `Requests_...` class names in the Requests library are deprecated. Switch to the PSR-4 `WpOrg\Requests\...` class names at your earliest convenience. in /home1/prakhndx/public_html/wp-includes/class-requests.php on line 24
लॉकडाउन में जब सताने लगा अकेलापन, तोड़ दी शादी नहीं करने की कसम 66 साल की उम्र में रचाई शादी
Subscribe for notification

लॉकडाउन में जब सताने लगा अकेलापन, तोड़ दी शादी नहीं करने की कसम 66 साल की उम्र में रचाई शादी

संवाददाता

प्रखर प्रहरी

मुंबईः सामाजिक कार्यकर्ता माधव पाटील को लॉकडाउन के दौरान अकेलापन सताने लगा, तो उन्होंने कभी शादी नहीं करने की कसम तोड़ दी और 66 साल के माधव ने 45 साल की संजना से शादी कर ली।

दरअसर माधव की 1984 में संगाई हुई थी और शादी होने वाली थी, लेकिन लड़की ने दगा दे दिया था। इसके बाद माधव ने कभी शादी नहीं करने की कमस खाऊ थी। माधव महाराष्ट्र के उड़ान गांव में अपनी मां के साथ हंसी-खुशी से रह रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होने और कहीं आने-जाने की मनाही के कारण माधव को अकेलापन सताने लगी, तो उन्होंने 36 साल पूरानी कसम तोड़ दी।

उधर, संजना का चार साल पहले तलाक हो गया था और वह अपने भाई के साथ रह रही थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण संजना के भाई की भी मौत हो गई। संजना का परिवार संकट में आ गया था। उसका इस दुनिया में कोई नहीं बचा था। ऐसे समय में माधव ने संजना का हाथ थामा।

माधव और संजना की पहली मुलाकात अगस्त में हुई थी। इसके बाद तीन महीने में दोनों कई बार मिले और गत 29 अक्टूबर को दोनों ने शादी कर ली। दोनों की शादी में संजना की मां, बहन के अलावा माधव की मां भी शामिल हुईं। साथ ही दोनों के कुछ नजदीकी दोस्त और पड़ोसी भी शादी में मौजूद थे। माधव और संजना की शादी के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस में कुछ लोग कुछ दोनों की उम्र को लेकर मजाक उड़ा रहे हैं तो कुछ का कहना है कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती।

उधर, माधव का कहन है कि जब मैं जवान था तो मेरे दोस्तों और परिवार ने मुझे पर शादी करने का बहुत दबाव बनाया था, लेकिन मेरा दिल एक बार टूट चुका था। मैं शादी करने के लिए खुद को राजी नहीं कर सका। मुझे कभी जीवनसाथी की कमी भी महसूस नहीं हुई,क्योंकि गांववालों के बीच काम करने के दौरान हमेशा व्यस्त रहा। माधव ने बताया कि लॉकडाउन में जब सब अपने घरों में कैद हो गये, मैं अकेला पड़ गया और तब एहसास हुआ कि जीवन का खालीपन भरना जरूरी है।

Shobha Ojha

Recent Posts

वेद भौतिक-आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं: भागवत

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे, प्रखर प्रहरी दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वेदों को भौतिक…

1 day ago

भारत बना एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता, पांचवीं बार जीता खिताब जीता, फाइनल में चीन को

स्पोर्ट्स डेस्कः भारत हॉकी एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का चैंपियन बन गया है। टीम इंडियान ने मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले…

2 days ago

अगस्त में वाणिज्यक-वस्तु निर्यात में वार्षिक आधार पर 9.3 प्रतिशत की गिरावट

दिल्लीः  देश से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त 2024 में सालाना 9.3 प्रतिशत घटकर 34.71 अरब डॉलर रहा।  पिछले साल इसी…

2 days ago

आतिशी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, सरकार बनाने का दावा पेश किया; भाजपा बोली- मेकओवर से दाग नहीं छुपेंगे

दिल्लीः दिल्ली को नई मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी।…

2 days ago

आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में शामिल होंगे डॉ. राधाकृष्णन

संवाददाताः संतोष कुमार दुबे नागपुरः विजयादशमी के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)…

3 days ago

मेरा मजाक उड़ाया गया, मैं सरदार की भूमि में पैदा हुआ बेटा, चुपचाप देशहित में नीति बनाने में लगा रहाः मोदी

अहमदाबाद: गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद के GMDC मैदान में आयोजित भव्य स्वागत समारोह…

3 days ago