आज करवाचौथ है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के व्रत रखती हैं। इस बार करवाचौथ के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं शिवयोग, बुधादित्य योग, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग भी बन रहे हैं। ये सभी योग करवा चौथ के महत्ता को बढ़ा रहे हैं।
आपको बता दें कि इस दिन विवाहित महिलाएं जहां अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ्य शरीर की कामना के लिए व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी लड़कियां भी अच्छे और इच्छित वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। करवा चौथ दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर उसे अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। तो चलिए आपको बतातें हैं आज की तिथि के शुभ मुहूर्त
दिनांक और शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 4 नवंबर, सुबह 3:24 बजे से
तिथि समापन: 5 नवंबर, प्रातः 5:14 बजे
पूजा मुहूर्त: 4 नवंबर की शाम 05 बजकर 29 मिनट से
समापन: शाम 06 बजकर 48 मिनट तक
चंद्रोदय: शाम 07 बजकर 57 मिनट पर होगा
पूजा के लिए सामग्री
करवाचौथ की पूजन सामग्री में मिट्टी का टोंटीदार करवा तथा ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे शामिल हैं।
इस तरह करें पूजा
करवा चौथ के दिन भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा का पूजन करें। पूजा के लिए शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य बनाएं।
इन मंत्रों का करें जाप
‘ॐ शिवायै नमः’ से पार्वती का
‘ॐ नमः शिवाय’ से शिव का
‘ॐ षण्मुखाय नमः’ से स्वामी कार्तिकेय का
‘ॐ गणेशाय नमः’ से गणेश का
‘ॐ सोमाय नमः’ से चंद्र देव का पूजन करें।
– करवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर नैवेद्य अर्पित करें।
– एक लोटा, एक वस्त्र तथा एक विशेष करवा दक्षिणा के रूप में अर्पित कर पूजन समापन करें।
– करवा चौथ व्रत की कथा पढ़ें अथवा सुनें।
– पति की माता अर्थात अपनी सासू मां को भेंट रूप से एक लोटा, वस्त्र तथा विशेष करवा भेंट कर आशीर्वाद लें।
– अगर सासू मां जीवित न हों तो उनके तुल्य किसी अन्य स्त्री को भेंट करें।
– कुआंरी कन्याएं किसी सुहागन वृद्ध महिला को भेंट स्वरुप वस्त्र या कुछ सुहाग सामग्री भेंट में दें।
– इसके पश्चात स्वयं तथा परिवार के अन्य सदस्य भोजन करें।