संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः  उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले के आरोपी फैसल फारुक को आज जमानत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।  सुनवाई के दौरान फैसल के वकील ने  कहा, “फैसल राजधानी पब्लिक स्कूल और विक्टोरिया पब्लिक स्कूल जैसे विभिन्न स्कूलों का प्रबंधन करता है जिसमें सभी वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। फैसल का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है। पुलिस ने फैसल को फंसाया है जबकि वह दंगों के समय मौजूद भी नहीं था। किसी ने भी यह गवाही नहीं दी है कि फैसल दंगे के समय मौके पर मौजूद था।”

वहीं पुलिस ने कहा, “जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि फैसल राजधानी पब्लकि स्कूल का मालिक है और इलाके का प्रभावशाली व्यक्ति है। फारुक ने दंगे के दौरान अपने स्कूल में दंगाइयों को प्रवेश करने की अनुमति दी, जिसके बाद दंगाइयों ने राजधानी पब्लकि स्कूल की छत से हिंसा किए। ”  उधर, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने फैसल की जमानत का विरोध करते हुए कहा, “फैसल को संबंधित घटना का मास्टरमाइंड पाया गया है। उसने जानबूझकर स्कूल के मुख्य द्वार से दंगाइयों को प्रवेश करने दिया। दंगाइयों ने राजधानी पब्लिक स्कूल की छत से डीआरपी के स्कूल में प्रवेश कर व्यस्थित तरीके से तबाही मचाई। यह सब सुनियोजित प्रतीत होता है।”

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने सभी की दलीले सुनने के बाद कहा, “ऐसा लगता है कि दंगे को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। पथराव करने और पेट्रोल बम फेंकने के लिए अभियुक्त के स्कूल के छत पर बड़े आकार के लोहे के उपकरण रखे गए थे। इस तरह के उपकरण का निर्माण तुरंत नहीं किया जा सकता।”  उन्होंने फैसल की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा, “इस बात को ध्यान में रखा जा रहा है कि अभियुक्त धनी है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा है। चूंकि मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है इसलिए अभियुक्त गवाहों को प्रभावित कर सकता और जांच में बाधा डाल सकता है।” आपको बता दें कि सीएए यानी  नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में सांप्रदायिक दंगे हुए थे।

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