संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में अब नई विनिर्माण इकाई नहीं लगेगी। जो पहले से चल रही हैं, उन्होंने दूसरे सेक्टर में बदलने का मौका दिया जाएगा। यह जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अब किसी नए विनिर्माण उद्योग को खोलने की इजाजत नहीं मिलेगी। नये औधोगिक क्षेत्र में सिर्फ सूचना प्रौद्योगिकी ,मीडिया, कॉल सेंटर, एचआर सेवा, बीपीओ, टीवी वीडियो उत्पादन, वकालत ,सीए, आर्किटेक्ट, मार्किट रिसर्च, प्लेसमेन्ट एजेंसी आदि को ही इजाज़त मिलेगी । उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भी भेजा गया था और केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया में महंगी जमीनें थीं। इसके चलते आईटी, मीडिया, एचआर सर्विसेज, कॉल सेंटर्स, बीपीओ, टीवी प्रोडक्शन हाउस, मार्केट रिसर्च, प्लेसमेंट एजेंसी और अन्य प्रोफेशनल्स अपना ऑफिस यहां नहीं खोल पाते थे। ऐसी ज्यादातर कंपनियां गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद चली जाती थीं। अब ऐसी कंपनियों को दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया में सस्ते दामों पर जगह उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक ये सभी ऑफिस कैटेगरी में आते थे और इन्हें कमर्शियल एरिया में दफ्तर खोलने की मंजूरी नहीं थी। अब मंजूरी दे दी गई है।
केजरीवाल ने कहा ,” तीन-चार साल पहले हमने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा था और पिछले तीन चार महीने से हरदीप पुरी साहब के साथ लगातार संपर्क में था । प्रस्ताव पर निजी तौर पर मैं हरदीप पुरी साहब का शुक्रिया करना चाहता हूं कि यह ऐतिहासिक कदम दिल्ली के हित में उठाया और आने वाले समय में प्रदूषण के समाधन के लिए और राजधानी को साफ सुथरा बनाने के लिए यह कदम बहुत निर्णायक कदम साबित होगा।”
औद्योगिक क्षेत्रों के विकास को लेकर लिए गए एतिहासिक निर्णय से अब दिल्ली में सर्विस सेक्टर के लिए सम्भावनाओं के नए रास्ते खुलेंगे, नए ज़माने के व्यवसाय को गति मिलेगी और दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मज़बूती। pic.twitter.com/5DTprf7hXy
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 2, 2020