संवाददाता

प्रखर प्रहरी

केवड़िया, गुजरातः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान द्वारा पुलवामा आतंकी हमले में अपना हाथ होने की बात कबूल किए जाने को लेकर शनिवार को विपक्षी दलों पर हमला बोला। उन्होंने बिना किसी दल या राजनेता का नाम लिये कहा कि कुछ लोग पुलवामा हमले में जवानों की शहादत पर दुखी नहीं हुए थे। वे लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ देख रहे थे। कई लोगों ने उस समय भद्दी राजनीति की थी।

उन्होंने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145 वी जयंती के मौके पर गुजरात के केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान के संसद में वहां के एक मंत्री के बयान को लेकर कहा कि जिस तरह से पड़ोसी देश की संसद में सत्य स्वीकार किया गया है, उससे इन लोगों का चेहरा सामने आ गया है कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए किस हद तक जा सकते हैं। मैं उनसे आग्रह करता हूँ कि राष्ट्रहित के लिए ऐसी राजनीति ना करें।

उन्होंने कहा कि भारत की ताक़त और एकता दूसरों को खटकती है। वे हमारी विविधता को हमारी कमज़ोरी बनाना चाहते हैं और एक दूसरे के बीच खाई पैदा करना चाहते हैं।  सीमा पर भारत की नज़र और नज़रिया बदल गए है। अब भारत के पास अपनी धरती की ओर नज़र करने वालों को करारा जवाब देने की ताक़त है।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ फ़्रान्स के क़दमों की ख़िलाफ़त की ओर इशारा करते हुए कहा कि कई देश आतंकवाद के समर्थन में आगे आ गए है जो विश्व शांति के लिए चिंता का विषय बना है। प्रत्येक सरकार को आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट होना चाहिए क्योंकि ऐसी हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता। भारत भी वर्षों से आतंकवाद से पीड़ित रहा है और अपनी एकता और दृढ़ इच्छा शक्ति से इसे पराजित किया है।

आपको बता दें कि हाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के क़रीबी माने जाने वाले मंत्री फ़वाद चौधरी ने संसद में पुलवामा हमले को पाकिस्तान की कामयाबी करार दिया था।

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