संवाददाता
प्रखर प्रहरी
अहमदाबादः गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका 92 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल सुबह 11.55 बजे आखिरी सांस ली। वह कुछ समय पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए, लेकिन उन्होंने इस जानलेवा विषाणु से निजात पा लिया था। केशुभाई गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन दोनों ही बार मुख्यमंत्री के तौर अपना टर्म पूरा नहीं कर पाए थे।
केशुभाई का राजनीतिक सफर
केशुभाई ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत 1960 के दशक में जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी। वह इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। देश में लागू आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाबूभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में 1978 से 1980 तक कृषि मंत्री रहे। मोरबी को तबाह को तबाह करने वाले 1979 में मच्छू बांध दुर्घटना के बाद इन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था। केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते।
साल 1980 में जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वे बीजेपी के वरिष्ठ आयोजक बने। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ चुनाव अभियान का आयोजन किया और उनके नेतृत्व में 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली। वह 1995 और 1998 में दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने, लेकिन दोनों ही बार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे।
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