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सीडीएस-सेना प्रमुख ने दी इंफेंट्री दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, पहली बार सेना के सभी शीर्ष कमांडरों-कर्नल ऑफ रेजिमेंट्स ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पर शहीदों को अर्पित किए पुष्प
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सीडीएस-सेना प्रमुख ने दी इंफेंट्री दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, पहली बार सेना के सभी शीर्ष कमांडरों-कर्नल ऑफ रेजिमेंट्स ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पर शहीदों को अर्पित किए पुष्प

संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः आज इंफेन्ट्री यानी पैदल सेना स्थापना दिवस है। इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेना प्रमुख, सेना के सभी शीर्ष कमांडरों और कर्नल ऑफ रेजिमेंट्स ने यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह पहला मौका है, जब इंफेन्ट्री दिवस पर सेना के सभी शीर्ष कमांडरों और रेजिमेंटों के कर्नलों ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को एक साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। 

आपको बता दें सेना के शीर्ष कमांडर और कर्नल आफ रेजिमेंट्स सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हुए हैं। यह सम्मेलन 26 अक्टूबर यानी सोमवार को यहां शुरू हुआ। संयोग से इसी बीच आज 74 वां इंफेन्ट्री दिवस भी है। सेना के प्रवक्ता ने यहां बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है, जब सभी शीर्ष कमांडरों और कर्नल ऑफ रेजिमेंट्स ने इस मौके पर एक साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

सबसे पहले शीर्ष कमांडरों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और महानिदेशक इंफेन्ट्री ने युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को पुष्प अर्पित किए। यह भी एक संयोग ही है कि इस मौके पर युद्ध स्मारक पर ड्यूटी पर 13 कुमाऊं रेजिमेंट है, जिसके रणबांकुरों ने 1962 में बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों में चीनी सेना के साथ रेजांगला का युद्ध लड़ा था। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर शैतान सिंह  ने अपनी टीम के साथ मिलकर अंतिम दम और अंतिम गोली तक रेजांगला की पहाड़ियों में प्राण न्योच्छावर कर ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी थी। रेंजागला की पहाड़ियां वही क्षेत्र है जहां भारतीय सैनिकों ने पिछले महीने पेगोंग झील के निकट की चोटियों पर अपना कब्जा जमाया हुआ है।

प्रति वर्ष 27 अक्टूबर को इंफेन्ट्री दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 में सिख रेजिमेंट और 13 कुमाऊं की दो इंफेन्ट्री कंपनियों को कश्मीर को पाकिस्तानी कबाइलियों और पाकिस्तानी सेना से मुक्त कराने के लिए विमान से दिल्ली से श्रीनगर ले जाया गया था । इस दिन को कुमाऊं रेजिमेंट और सिख रेजिमेंट दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Shobha Ojha

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