PM Modi

दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से मन की बात की। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला पीएम मोदी की मन की बात का यह 70वां कार्यक्रम था। इस दौरान उन्होंने उन्होंने लोगों से आगामी त्योहारों पर संयम बरतने की अपील की और कहा कि त्योहार मनाते समय सीमाओं पर तैनात सैनिकों तथा रोजमर्रा के जीवन में उनकी मदद करने वाले कामगारों को भी अपनी खुशियों में शामिल करें और दीवाली पर एक दीया उनके नाम का भी जलाएं।

उन्होंने कहा, “साथियो, हमें अपने उन जांबाज़ सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत-माता की सेवा और सुरक्षा कर रहें हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों के त्याग को भी नमन करता हूँ जिनके बेटे-बेटियाँ आज सरहद पर हैं। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी-न-किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर हैं। मैं, ह्रदय से उसका आभार प्रकट करता हूँ।”

पीएम ने कोरोना के मद्देनजर लागू लॉकडाउन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का एक नया रूप देखने को मिला। जिस तरह से उन्होंने लोगों ने एक-दूसरे की सेवा की और जीवन को चलाने में सहयोग दिया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि त्योहार मनाते समय हमें इन लोगों को भी याद रखना है और उन्हें अपनी खुशियों में शामिल करना है।

मोदी ने कहा कि साथियो, त्योहारों के इस हर्षोल्लास के बीच में लॉकडाउन के समय को भी याद करना चाहिए। लॉकडाउन हमने, समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है, जिनके बिना, हमारा जीवन बहुत ही मुश्किल हो जाता है। सफाई कर्मचारी, घर में काम करने वाले भाई-बहन, स्थानीय सब्जी वाले, दूध वाले, सिक्योरिटी गार्ड इन सबका हमारे जीवन में क्या रोल है। हमने अब भली-भांति महसूस किया है। कठिन समय में ये आपके साथ थे, हम सबके साथ थे। अब अपने पर्वों में, अपनी खुशियों में भी, हमें इनको साथ रखना है। मेरा आग्रह है कि, जैसे भी संभव हो, इन्हें अपनी खुशियों में जरुर शामिल करिये। परिवार के सदस्य की तरह करिये, फिर आप देखिये, आपकी खुशियाँ, कितनी बढ़ जाती हैं।

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