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बैंक खातों या वर्चुअल वॉलेट में पैसा उपलब्ध न होने अब सामानों की खरीदारी कर सकते हैं ग्राहक, फ्लेक्ससैलरी ने लॉन्च किया प्लेक्सपे
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Categories: व्यापार

बैंक खातों या वर्चुअल वॉलेट में पैसा उपलब्ध न होने अब सामानों की खरीदारी कर सकते हैं ग्राहक, फ्लेक्ससैलरी ने लॉन्च किया प्लेक्सपे

बिजनेस डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः अग लोग बैंक अकाउट या वर्चुअल वॉलेट में पैसा नहीं रहने पर भी सामानों की खरीदारी कर पाएंगे। हैदराबाद स्थित एनबीएफसी यानी गैर-बैंक वित्तीय संस्थान विविफी इंडिया फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने फ्लेक्सपे के तौर पर भारत का पहला पेमेंट ऑप्शन लॉन्च किया है, जो यूपीआई पर क्रेडिट प्रदान करता है। कंपनी ने प्लेक्सपे एनपीसीआई यानी नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से लॉन्च किया है।
कंपनी ने 25 अक्टूबर को यहां बतान जारी कर बताया कि फ्लेक्सपे लाखों भारतीयों को उनके बैंक खातों या वर्चुअल वॉलेट में पैसा उपलब्ध न होने पर लाइन ऑफ क्रेडिट का उपयोग कर ‘स्कैन नाउ एंड पे लेटर’ के लिए सक्षम करेगा। यह ऐसे 30 करोड़ भारतीयों को टारगेट करता है जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है। यह भारत का पहला ऐसा प्रोडक्ट् है जो किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को स्कैन कर या यूपीआई आईडी पर ट्रांसफर द्वारा ऑफ़लाइन खरीदारी को सक्षम करेगा। यह लेन-देन का ऐसा मॉडल है जिसे पूरे भारत में स्वीकार किया जा रहा है। फ्लेक्सपे सभी वेतनभोगी और स्वरोजगारी भारतीयों को क्रेडिट की सुविधा प्रदान करेगा।
विविफी के संस्थापक और सीईओ अनिल पिनापाला ने बताया कि नॉन-प्राइम और कम आय वाले लोन लेने वालों को क्रेडिट मुहैया कराने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए फ्लेक्सपे एक कारगर विकल्प है। यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है जो आम तौर पर कैश की तंगी महसूस करने पर दोस्तों और परिवार या अवैध साहूकारों से पैसा उधार लेते हैं। फ्लेक्सपे ने लोकेशन, साक्षरता, आजीविका और कर्ज लेने का इतिहास रखने जैसी शर्तों को हटाते हुए डिजिटली क्रेडिट उपलब्ध कराने और उसका इस्तेमाल करने की सुविधा भी दी है। हमारा मानना है कि हमारा यूपीआई इंफ्रास्ट्रक्चर उन्हें ‘स्कैन नाउ, पे लेटर’ यानी अभी स्कैन करने और बाद में भुगतान करने की सुविधा देगा जो भविष्य में सभी तरह के क्रेडिट का बेस बनने वाला है।

Delhi Desk

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