आज नवरात्रि का चौथा दिन है। आज का दिन मां दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप को समर्पित है। आज के दिन माता कूष्मांडा  की पूजा होती है। ‘कू’ का अर्थ है छोटा, ‘ष्’ का अर्थ है ऊर्जा और ‘अंडा का अर्थ है ब्रह्मांडीय गोला अर्थात सृष्टि या ऊर्जा का छोटा सा वृहद ब्रह्मांडीय गोला।

वैदिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व जब चारों ओर अंधकार था तो मां दुर्गा ने इस अंड यानी ब्रह्मांड की रचना की थी। आठ भुजाओं वाली कूष्मांडा देवी को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानी जाती हैं। मां कूष्मांडा का वाहन सिंह है। इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमलपुष्प, अमृत-पूर्ण कलश, चक्र तथा गदा रहते हैं। माता कूष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्र जाग्रत होता है। इनकी उपासना से हमारे समस्त रोग और शोक दूर हो जाते हैं। साथ ही भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं।

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