आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और आज के दिन माता चंद्रघंटा की पूजा होती है। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। माता का यह स्वरूप शिवदूती स्वरूप है।
मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है और माता के इस स्वरूप के 10 हाथ हैं और यह खड्ग आदि विभिन्न अस्त्र और शस्त्र से सुसज्जित हैं। माता चंद्रघंटा नेअसुरों के साथ युद्ध में घंटे की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था। नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन किया जाता है। इनके पूजन से साधक को तीसरे मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं। सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इससे स्पष्टता, आत्मविश्वास और सही निर्णय लेने की योग्यता जैसे मणियों सरीखे गुण प्राप्त होते हैं।
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