बिजनेस डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित देश के 20 राज्य जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर की क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए बाजार से 68825 करोड़ रुपये जुटाएंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए इन राज्यों की अनुमति प्रदान कर दी है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इन राज्यों को 68825 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने की अनुमति दी है। इन राज्याें को जीडीपी यानी सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 0.50 प्रतिशत राशि जुटाने की अनुमति मिली है।
देश में जीएसटी लागू करने के कारण राज्यों के राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जीएसटी उपकर लगाया था और इसकी भरपाई इसी से की जा रही है। कोरोना के कारण राजस्व संग्रह में कमी आने के कारण राज्यों को क्षतिपूर्ति राजस्व नहीं मिल पा रहा है। इसके मद्देनजर केन्द्र ने राज्यों को क्षतिपूर्ति राजस्व की भरपाई दो विकल्प दिये थे जिसमें से 20 राज्यों ने पहले विकल्प का चयन कर बाजार से राशि जुटाने की इच्छा जताई। हालांकि अधिकांश कांग्रेस शासित या उसके समर्थन से चल रही राज्य सरकारों ने इस विकल्प का चयन नहीं किया और वे केन्द्र को धनराशि जुटाकर देने की मांग की।
जीएसटी परिषद की दो चरणों में संपन्न 42वीं बैठक में इस पर सहमति नहीं बन पाई है लेकिन राज्य इस पर सहमत हुए हैं कि बाजार से जुटाई जाने वाली उधारी का भुगतान करने के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लगाने की अवधि को जुलाई 2022 के आगे बढ़ाई जाएगी। जिन राज्यों ने पहले विकल्प का चयन किया है उनमें आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम , बिहार, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल है। आठ राज्यों ने अब तक किसी विकल्प का चयन नहीं किया है। महाराष्ट्र को छोड़कर विपक्षी दलों द्वारा शासित किसी राज्य ने इस विकल्प को नहीं चुना है।