दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को रिहाई के लिए पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा है। कप्पन उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना कवर करने जाते समय गिरफ्तार हुए थे।
जीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रमासुब्रमण्यम की बेंच ने पत्रकार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश देते हुए मामले की सुनवाई चार सप्ताह स्थगित कर दी। कोर्ट ने कप्पन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वह सबसे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। वहीं इस दौरान सिब्बल ने जोर देकर कहा कि यूपी की अदालतों से याचिकाकर्ता को जमानत नहीं मिलेगी। इसलिए इस मामले को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुना जाए, लेकिन कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया।
इससे पहले सिब्बल ने बेंच को बताया कि सिद्दीक कप्पन को जब हिरासत में लिया गया था, तब बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गयी थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार की ओर से एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के अंतर्गत उसे गिरफ्तार किया गया है। यह याचिका केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने दायर की है।