संवाददाता
प्रखर प्रहरी
मुंबईः मुंबई पुलिस ने गुरुवार को टीआरपी यानी टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स खेल का पर्दाफाश किया किया। पुलिस ने बताया कि तीन टीवी चैनलों ने टीआरपी अधिक दर्शाने के लिए डेटा में हेराफेरी की है। इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने यहां संवाददाताों को बताया कि टीआरपी के इस फर्जीबाड़े में शामिल रिपब्लिक टीवी, फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अपराध शाखा की ओर से हाल में दर्ज की गई शिकायत के बाद इन चैनलों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि इस फजीबाड़े शामिल तीन चैनलों के मालिकों पर फिक्सिंग डेटा से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। इस सिलसिले में दो चैनल मालिकों को गिरफ्तार किया गया है तथा पुलिस शीघ्र ही रिपब्लिक टीवी के मालिकों / निदेशकों से पूछताछ करेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एक शिकायत के आधार पर हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से संबंधित एक व्यक्ति को मलाड से गिरफ्तार किया गया। यह कंपनी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल से संबंद्ध हैं। वहीं एक अन्य गिरफ्तार व्यक्ति पर गोपनीय डेटा का दुरुपयोग करने का आरोप है, जिसे विभिन्न टीवी चैनलों ने उसे गलत फायदे के लिए सौंपा था और इसकी वजह से विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। कांदीवली पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया , जहां से उन्हें नौ अक्टूबर तक रिमांड पर ले लिया गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद भराम्बे की अगुवाई में उपायुक्त नंद कुमार ठाकुर और अकबर पठान तथा एसीटी शशांक संदभोर एवं सचिव वाजे की उच्चस्तरीय टीम संबंधित मामले की जांच कर रही है।
अर्नब ने दी आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी
उधर, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने टीआरपी के आंकडों के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा है कि चैनल ने महाराष्ट्र में से जुड़े मामले उठाए हैं, उससे हताश होकर महाराष्ट्र सरकार ने चैनल को निशाने पर लिया है। उन्होंने मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी और कहा कि चैनल ने सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच में उनसे सवाल किए थे। उन्होंने कहा, “सुशांत सिंह राजपूत मामले में सिंह की जांच पर संदेह है और इस तरह का बयान एक हताशा भरा कदम हैं। पालघर मामले ,सुशांत सिंह राजपूत केस या अन्य मामलों को रिपब्लिक टीवी ने काफी जोर शोर से उठाया था। लेकिन इस तरह के कदमों से चैनल पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इस तरह का लक्षित प्रयास चैनल के हर कर्मचारी के संकल्प को ही मजबूत करेगा। चैनल सच्चाई के लिए और भी कुछ करने से पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने कहा कि सिंह आज पूरी तरह से उजागर हो गए हैं क्योंकि बीएआरसी यानी ब्राडकास्ट आडियंस रिसर्च कौंसिल ने एक भी शिकायत में रिपब्लिक टीवी का उल्लेख नहीं किया है। उन्हें इस मामले में एक आधिकारिक रूप से माफीनामा जारी करना चाहिए और अदालत में हमसे सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए।