संवाददाता

प्रखर प्रहरी

चंडीगढ़ः कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के पटियाला से चली कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली को हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद मंगलवार को हरियाणा में प्रवेश की इजाजत मिल गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाकर हरियाणा की सीमा पर पहुंचने के बाद कार्यकर्ताओं के साथ हरियाणा जाने की मांग की लेकिन उन्हें हरियाणा की सीमा में प्रवेश की इजात नहीं मिली। 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ हरियाणा की सीमा में प्रवेश की इजाजत नहीं होने के कारण के कारण पुलिस ने रैली को रोक दिया। यहां पुलिस और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद राहुल धरने पर बैठ गए।

धरने पर बैठे राहुल ने कहा, “वो हिलेंगे नहीं, इंतजार करेंगे। जब तक जाने नहीं दिया जाता वो एक घंटे, पांच घंटे, 24 घंटे, 100 घंटे, एक हजार घंटे या पांच  हजार घंटे इंतजार करेंगे।“  कुछ देर बातचीत के बाद राहुल को 100 कार्यकर्ताओं के साथ हरियाणा में प्रवेश करने की इजाजत मिल गई।

कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली पंजाब के पटियाला से हरियाणा बॉर्डर पहुंची थी। कुछ जगहों पर राहुल भी ट्रैक्टर चलाते दिखे। रैली में उनके साथ हरीश रावत, रणदीप सिंह सुरजेवाला, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा भी थी।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने करनाल और कुरुक्षेत्र के डीएम से यात्रा की इजाजत ली है, रैली की नहीं। इसलिए पुलिस इस ट्रैक्टर रैली की वीडियोग्राफी करेगी। उधर, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राहुल गांधी को हरियाणा आने से रोका नहीं जाएगा।

इससे पहले पटियाला में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कृषि संबंधी तीन ‘काले कानूनों से खाद्य सुरक्षा की व्यवस्था नष्ट हो जाएगी। उन्होंने यह दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कानूनों के जरिए अपने कुछ पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता के मुताबिक, इन कानूनों से पंजाब और हरियाणा पर सबसे ज्यादा विपरीत असर होगा। उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी की गई और जीएसटी लागू किया गया। इससे छोटे एवं मध्यम कारोबार नष्ट हो गए। सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने देश में खाद्य सुरक्षा की एक व्यवस्था है। अगर यह टूट गई तो सिर्फ किसानों को नहीं, बल्कि सभी लोगों को नुकसान होगा। विपक्ष के कमजोर होने की धारणा से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जब पूरे संस्थागत ढांचे को नियंत्रण में ले लिया गया है तो ऐसे में यह कहना उचित नहीं है कि विपक्ष कमजोर है।

 

 

 

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