अगर आप टैटू गुदवाने का शौक पाले बैठे हैं, तो शतर्क हो जाए। यह शौक आपके लिए खतरनाक हो सकता है। यह शौक आपके लिए हार्ट इंजरी का खतरा बढ़ा सकता है। अमेरिकन फिजियोलॉजिकल सोसायटी द्वारा प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार स्किन पर टैटू होने के कारण उसमें पसीना कंट्रोल करने की क्षमता घट जाती है। शरीर का तापमान बढ़ता है। यह हाइपोथर्मिया और हीट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक टैटू जितना बड़ा होगा खतरा उतना ही ज्यादा हो सकता है।

क्यों बढ़ता है खतरा…
जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार स्किन पसीने की मदद से शरीर का तापमान कंट्रोल करने की कोशिश करती है। इसमें शरीर में पाई जाने वाले एक्क्रिन ग्रंथियां मदद करती हैं। रिसर्च के दौरान पाया गया कि टैटू बनवाने पर स्किन पर प्रति मिनट तीन हजार पंचर करने की जरूरत होती है। इसका असर पसीना कंट्रोल करने वाली ग्रंथि पर पड़ सकता है।

वहीं एक अन्य रिसर्च में यह सामने आया है कि टैटू वाली स्किन में सोडियम की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो पसीना कंट्रोल करने वाली ग्रंथि के काम में बाधा उत्पन्न करती है।

ऐसे की गई खतरे को पहचाना…             

  • शोध में ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनके हाथ के ऊपरी और निचले हिस्से में टैटू बना था। इनके हाथों में कम से कम 6 वर्ग सेंटीमीटर का टैटू था।
  • ऐसे लोगों के शरीर में पसीना पैदा करने के लिए परफ्यूजन सूट पहनाया गया, जिससे तापमान 120 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच जाए। रिसर्च के दौरान टैटू वाली और सामान्य स्किन की जांच की गई।
  • शोधकर्ताओं ने स्किन में ब्लड सर्कुलेशन को जांचने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया और पाया कि स्किन पर टैटू होने पर शरीर को तापमान को मेंटेन करने में मुश्किलें आती हैं।
  • टैटू के कारण पसीना कम आता है,जिसकी वजह से शरीर का तापमान बढ़ता है। ऐसे लोगों में हाइपोथर्मिया यानी शरीर का तापमान सामान्य से अधिक बढ़ना और हीट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
  • शोध में दावा किया गया है कि यह हार्ट अटैक तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार हो जाता है।

 

 

 

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