बिजनेस डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः पांच करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करने वाले कारोबारियों को अब साल में महज आठ जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न भरने पड़ेंगे। जीएसटी परिषद ने कारोबारियों को राहत देते हुए पांच कराेड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार करने वालों साल में मात्र आठ जीएसटी रिटर्न भरने की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था अगले साल यानी जनवरी 2021 से लागू होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज यहां हुई जीएसटी काउंसिल 42 वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया कि अभी हर कारोबारी को हर महीने दो रिटर्न जीएसटीआर थ्री बी और जीएसटीआर 1 भरने पड़ते हैं। इस तरह से एक वर्ष में 24 रिटर्न हो जाता है। कारोबारियों के लिए इसे सरल बनाने के उद्देश्य से एक जनवरी 2021 से पांच करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार करने वालों को अब तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा दी जायेगी।
इस तरह से हर तिमाही इस श्रेणी के कारोबारी को मात्र दो रिटर्न दाखिल करने की जरूरत होगी। इस तरह से कुल मिलाकर एक वर्ष में आठ ही रिटर्न भरने होंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से जीएसटी राजस्व में कोई कमी नहीं आए इसके लिए इस श्रेणी के कारोबारियों को एक तिमाही में दो महीने चालान से 35-35 प्रतिशत जीएसटी कर जमा करना पड़ेगा और तीसरे महीने में वास्तविक जीएसटी कर जमा कराना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि एक अप्रैल 2021 से वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए संशोधित कोड जारी किये जायेंगे जिसमें सरकार को आठ अंकों के कोड जारी करने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुपये से कम के कारोबारियों को चार अंक का कोड और पांच करोड़ रुपये से अधिक के कारोबारियों को छह अंकों के कोड को उल्लेख करना होगा। उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट में हो रही धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से एक जनवरी 2021 से अब रिफंड सिर्फ पैन और आधार से सत्यापित बैंक खातों में ही हस्तातंरित किये जायेंगे।