संवाददाता

प्रखर प्रहरी

पटनाः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान का शंखनाद किया। सोनिया ने बिना नाम लिये बीजेपी पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी पर भावना, भ्रम और भय का व्यापार कर सरकार चलाने का आरोप लगाया और कहा कि महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह के मार्ग पर चलते हुए हम सब को एकजुट होकर इसके खिलाफ लड़ना होगा।

सोनिया ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती के मौके पर वर्जुअल माध्यम से पश्चिम चंपारण में गांधी जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण और गांधी चेतना रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि देश में कुछ लोग भावना, भ्रम और भय का व्यापार करके सरकार चला रहे हैं। उन सब से जनता सावधान रहे और सही निर्णय ले। उन्होंने कहा कि इसके लिए गांधी जी के सत्य, अहिंसा और स्वराज के मार्ग पर चलते हुए हम सब को एकजुट होकर लड़ना होगा। यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी । कांग्रेस गांधी जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर लगातार चल कर संघर्ष कर रही है और सब के सहयोग से इसमें सफलता भी पाएगी।

उन्होंने  भगवान बुद्ध, महावीर, गुरू गोविंद सिंह की जन्मभूमि और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कर्मभूमि बिहार को नमन करते हुए कहा कि आज श्री लालबहादुर शास्त्री का भी जन्म दिवस है। वह उन्हें भी नमन करती है, जिन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। यह नारा इस कठिन समय में पहले से भी ज्यादा प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए तो महात्मा गांधी के विचार ही पार्टी की आत्मा है। उन्होंने कहा कि बापू के लिए प्रगति का अर्थ मनुष्य का समग्र विकास और समाज के सबसे गरीब व्यक्ति को विकास से जोड़ना था न कि चंद लोगों के विकास से।  चंपारण में नील की खेती से कुछ लोग मालामाल हो रहे थे लेकिन हजारों किसान गरीबी और भूखमरी के शिकार से हो रहे थे। गांधीजी के लिए यह घोर अन्याय और पाप था । उन्होंने कहा कि इसी कारण कांग्रेस पार्टी की हर कार्य योजना देश की जनता को ध्यान में रखकर बनती है न कि कुछ चंद लोगों के लिए।

सोनिया ने कहा कि जब भी कांग्रेस गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करती है तो कुछ शक्तियां अपने निजी स्वार्थ में उनके विरोध में खड़ी हो जाती हैं। देश के लोगों को याद होगा कि जब कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दूर करने के लिए मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की, तो इन लोगों ने किस तरह विरोध किया और उसका मजाक उड़ाया था। आज मनरेगा जैसी योजना नहीं होती तो कोरोना महामारी के दौरान करोड़ों लोग भुखमरी के शिकार हो गए होते।

उन्होंने कहा कि जनता देख और समझ रही है कि आज देश में ऐसी नीतियां बन रही हैं जिससे गिनती के चंद लोग इस समय के चंपारण के नील की खेती की तरह मालामाल हो रहे हैं। उनके लिए तो विकास की आंधी आ गई है लेकिन दूसरी तरफ देश में करोड़ों युवाओं का रोजगार छीना जा रहा है। लाखों छोटे और कुटीर उद्योग बंद हो रहे हैं। किसान की हालत तो देश देख ही रही है।  उन्होंने कहा कि  कांग्रेस के शासन में जो संस्थाएं देश को सबसे ज्यादा रोजगार देती थी, उनका आज निजीकरण किया जा रहा है। रोजगार के नए अवसर तो दूर जिन को रोजगार मिला उनकी भी छंटनी हो रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के लिए सत्य ही ईश्वर था। कांग्रेस ने भी हर समय सत्य को अपनी कार्यशैली में अपनाया है। उसी का परिणाम था जब आमजन अधिकारियों और मंत्रियों की कार्यशैली पर शक करते थे या किसी पर कोई आरोप लगता था तो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने तुरंत कार्रवाई की लेकिन आज इसका ठीक उल्टा हो रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यही नहीं सरकारों को पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए संप्रग सरकार ने सूचना का अधिकार जैसा ऐतिहासिक कानून बनाया। भारत के हर नागरिक को अधिकार दिया कि वे किसी भी अधिकारी, मंत्री या योजना के बारे में कानूनी तौर पर जानकारी हासिल कर सकते हैं, लेकिन आज भ्रष्टाचार से लड़ने वाले सूचना के अधिकार कानून को इतना कमजोर किया जा रहा है कि सवाल पूछने पर जवाब नहीं मिलता है। जनता समझ रही है कि जवाब क्यों नहीं दिया जाता है।  उन्होंने कहा कि  यही नहीं रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, किसान, कामगार, गरीब, खाद्य और महिला सुरक्षा या महिला सशक्तिकरण से जुड़े जो भी कानून संप्रग सरकार ने बनाये उन सभी कानूनों को मौजूदा मोदी सरकार ने इतना कमजोर कर दिया है कि आम नागरिक के हितों पर प्रहार हुआ है और उनके अधिकारों को भी छीन लिया गया है ।

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