संवाददाता

प्रखर प्रहरी

ग्रेटर नोएडाः उत्तर के हाथरस में गैंगरेप की शिकार युवकी की मौत पर सियासी धमासान जोरों पर है। कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा पीड़िता के परिजनों से मिलने के लिए आज हाथरस जा रहे थे, लेकिन वे लोग वहां पहुंच नहीं पाए। पुलिस ने उन्हें ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही रोक दिया। जब वे लोग नहीं माने तो पुलिस ने दोनों को दोपहर लगभग 2.30 बजे इकोटेक-1 थाना इलाके में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस दोनों को अपनी गाड़ी में बैठाकर जेवर के पास स्थित फॉर्मूला-1 गेस्ट हाउस ले गई। इसके बाद दोनों को शाम 6:30 बजे छोड़ा और दोनों दिल्ली लौट गए।

पीड़िता के परिजनों से मुलाकात के लिए निकले राहुल और प्रियंका कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ दोपहर 1.30 बजे ग्रेटर नोएडा के एक्सप्रेस-वे पर पहुंचे। यहां पर पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया। इसके बाद दोनों पैदल ही आगे बढ़ने लगे। इस बीच पुलिस उन्हें समझाती रही। कुछ दूर चलने के बाद पुलिस ने फिर दोनों को रोक दिया। इस दौरान पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल के हाथ में चोट लगी है। उधर, दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक्सप्रेस-वे पर हंगामा किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहे।

उधर, राहुल ने कहा, “पुलिस ने मुझे धक्का दिया, लाठी चार्ज किया, मुझे जमीन पर गिराया। हमारी गाड़ियां रोकी गई थीं, इसलिए हमने पैदल चलना शुरू किया। आज के हिंदुस्तान में सिर्फ मोदी पैदल जा सकता है, मोदी हवाई जहाज में उड़ सकता है।”

पुलिस ने राहुल और प्रियंका को धारा-144 का हवाला देकर रोका, तो राहुल बोले कि ठीक है, मैं अकेला ही हाथरस जाऊंगा। फिर भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने लगी तो राहुल ने पूछा कि किस धारा में आप यह कार्रवाई कर रहे हैं, जनता और मीडिया को बताइए? पुलिस ने कहा कि आपने धारा-188 का वॉयलेशन किया है।

क्या है धारा -188?

1897 के महामारी कानून के सेक्शन- 3 में जिक्र है कि अगर कोई कानून के निर्देशों और नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा-188 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। उसे सजा भी दी जा सकती है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी के निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी यह धारा लगाई जा सकती है।

इस बीच यूपी पुलिस ने कहा है कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर जख्मों की बात है, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टरों का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।

 

 

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