संवाददाता
प्रखर प्रहरी
लखनऊ- बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ,मुरली मनोहर जोशी ,कल्याण सिंह और उमा भारती अयोध्या में विवादित ढांच यानी बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के मामले में बरी हो गए हैं। सीबीआई यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में आडवाणी , जोशी ,कल्याण और उमा भारती सहित सभी 32 आरोपियों को आज बरी कर दिया गया।
सीबीआई के विशेष जज सुरेन्द्र कुमार यादव ने विवादित ढांचा गिराये जाने में किसी षडयंत्र होने से इनकार कर दिया। उन्होंने माना कि कार सेवा के नाम पर लाखों लोग अयोध्या में जुटे थे और उन्होंने आक्रोश में विवादित ढांचा गिराया । विशेष जज का यह भी कहना था कि आडियो टेप के साथ छेड़छाड़ की गई । प्रस्तुत किये गये फोटाेग्राफ के निगेटिव नहीं दिये गए। इससे साबित होता है कि विवादित ढांचा गिराने के मामले में आरोपियों का कोई हाथ नहीं था । उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वह अचानक था और किसी भी तरह से पूर्व नियोजित नहीं था । मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमा लड़ने वाले इकबाल अंसारी ने कहा कि अदालत के फैसले का वह सम्मान करते हैं । उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब पिछले साल नौ नवम्बर को जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला दे दिया तो इस मुकदमे का ऐसे भी कोई मतलब नहीं रह गया था ।
आपको बता दें कि विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से अशोक सिंघल,बाल ठाकरे ,बिष्णु हरि डालमिया और राजमाता विजया राजे सिंधिया समेत 17 लोगों की मौत हो चुकी है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लालकृष्ण आडवाणी ,मुरली मनोहर जोशी ,कल्याण सिंह ,उमा भारती,साध्वी रितंभरा विनय कटियार,महंत नृत्य गाेपाल दास,राम विलास वेदांती,चंपत राय,महंत धर्मदास,सतीश प्रधान,पवन कुमार पांडेय,लल्लू सिंह ,प्रकाश वर्मा,विजय बहादुर सिंह,संतोष दूबे,गांधी यादव,रामजी गुप्ता,ब्रज भूषण शरण सिंह,कमलेश्वर त्रिपाठी,रामचन्द्र,जय भवान गोयल ,ओम प्रकाश पांडेय,अमरनाथ गोयल,जयभान सिंह पवैया,साक्षी महाराज,विनय कुमार राय ,नवीन भाई शुक्ला,आरएन श्रीवास्तव,आचार्य धर्मेन्द्र देव सुधीर कक्कड़ और धर्मेन्द्र सिंह गुर्जर पर मुकदमा चल रहा था ।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई कर 31 अगस्त तक फैसला सुनाने का आदेश दिया था लेकिन बाद में तारीख बढ़ाकर 30 सितम्बर कर दी । विशेष जज ने 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी कर ली थी और दो सितम्बर से फैसला लिखाना शुरू कर दिया था ।