दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः भारत ने चीन की मीडिया द्वारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और चाइनीज मीडिया मनगढ़ंत रिपोर्टिंग से बचने को कहा है।  विदेश मंत्रालय ने आठ सितंबर को बयान जारी कर कहा, “ हमने चीन की सरकारी मीडिया खासकर चाइना डेली और हुआन्ची शिबाओ (ग्लोबल टाइम्स) में प्रकाशित रिपोर्टों को देखा है जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हवाले से कुछ टिप्पणियां की गई हैं। ये रिपोर्टें पूरी तरह से झूठी और तथ्यों से परे हैं। हम मीडिया से ऐसी मनगढ़ंत रिपोर्टिंग से बचने का आग्रह करते हैं।”

विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की जनमुक्ति सेना ने सात सितंबर की रात दावा किया था कि भारतीय सैनिकों ने पेंगांग झील के पास एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके हवा में गोलियां चलाई।  यह दावा पूरी तरह से गलत है। चीन सरकार एलएसी पर अपने सैनिकों की भड़काऊ गतिविधियों को छिपाने के लिए गुमराह करने वाले बयान दे रही है।  भारतीय सैनिकों ने कभी भी एलएसकी के अतिक्रमण की कोशिश नहीं की है।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत एलएसी पर तनाव कम करने और स्थिति सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन निरंतर उकसाने वाली गतिविधियों में लिप्त है। बयान में जोर देकर कहा गया है कि भारतीय सेना ने कभी भी एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी फायरिंग सहित कोई उकसाने वाली कार्रवाई की है।
सेना सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है,  लेकिन वह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए किसी कीमत पर समझौता नहीं करेगी।

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