दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति देश की शिक्षा नीति बताया है और कहा है कि इससे समाज के सभी लोगों के आपसी संवाद के जरिये लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सरकार की नहीं, बल्कि देश की शिक्षा नीति है।
उन्होंने सात सितंबर को नई शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन उद्घाटन करते हुए यह बातें कहीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस सम्मेलल को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह विदेश नीति या रक्षा नीति किसी सरकार की नहीं होती बल्कि देश की होती है, उसी तरह यह नई शिक्षा नीति भी सरकार की नहीं, बल्कि यह देश की शिक्षा नीति है। सरकार तो आती जाती रहती हैं लेकिन विदेश नीति और रक्षा नीति देश की नीति बनी रहती है। ठीक उसी तरह से नई शिक्षा नीति देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बनाई गई है। इसे तेजी से बदलते समय और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है। इसलिए इस शिक्षा नीति को लागू करते समय हमें यह देखना होगा कि देश की नीति के रूप में लागू हो रही है या नहीं?
पीएम ने कहा कि इस शिक्षा नीति पर देशभर में संवाद चल रहा है और हम सबको मिलकर इसके बारे में शंकाओं और आशंकाओं को दूर करना है और इसे लागू करना है। आज सूचना और ज्ञान सभी को मुहैया उपलब्ध कराया जा रहा है। टेक्नोलॉजी का भी फायदा गरीबों और गांव के लोगों तक पहुंच रहा है। इस शिक्षा नीति में इन सभी बातों को ध्यान में रखा गया है और लचीलापन की भी बात रखी गयी है।
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