दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम में तीन सितंबर को ग्राहकों को अंतरिम राहत प्रदान की। कोर्ट ने आज लॉकडाउन में आरबीआई की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम मामले की सूचनाव की। इस दौरान कोर्ट ने बैकों से जिन ग्राहकों के खाते 31 अगस्त तक एनपीए नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स घोषित नहीं किए गए, उन्हें अब इस मामले का निपटारा होने तक प्रोटेक्शन दिया जाए। ग्राहकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
इससे पहले सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ब्याज में छूट नहीं दे सकते, लेकिन पेमेंट का दबाव कम कर देंगे। बैंकिंग सेक्टर अर्थव्यस्था की रीढ़ है। हम अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला कोई फैसला नहीं ले सकते। उन्होंने लोन मोरेटोरियम का मतलब ग्राहकों को कुछ महीनों के लिए कर्ज की किश्त का भुगतान टालने की छूट देना होता है। आरबीआई ने कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन को देखते हुए मार्च में तीन महीने के लिए यह सुविधा दी थी और फिर तीन महीने और बढ़ाकर अगस्त तक कर दी गई थी।
मोरेटोरियम के छह महीने पूरे हो चुके हैं और ग्राहक इसे और बढ़ाने की मांग कर रहे है। साथ ही वे मोरेटोरियम पीरियड का ब्याज भी माफकरने की मांग कर रहे हैं क्योंकि, ब्याज पर ब्याज वसूलना तो एक तरह से दोहरी मार होगी।
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