क्या आप जानते हैं कि आपका बच्चा क्यों रोता है। दरअसर नवजात शिशु रोकर ही अपनी बात कहते हैं। यदि आपका बच्‍चा अभी छोटा है और उसने बोलना शुरू नहीं किया, तो आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि बच्‍चा किन वजहों से रोता है। आमतौर पर नवजात शिशु दिन में दो से तीन घंटे रोता है और इसके कई कारण होते हैं। शिशु के रोने के कारणों के बारे में जानकर आप उसकी जरूरत को समय पर पूरा कर सकते हैं। तो चलिए आपको बताते है कि नवजात शिशु किन वजहों से रोता है।

  • बच्‍चों के रोने का सबसे प्र और पहला कारण मुख कारण भूख लगना है। यदि आप बच्‍चे के भूख लगने के संकेतों को समझ जाएं, तो उसके रोना शुरू करने से पहले ही दूध पिला सकती हैं। बच्चे अधिकतर समय भूख की वजह से ही रोते हैं और दूध पीने पर चुप हो जाते हैं। आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि जन्‍म के बाद तीन महीने तक शिशु को हर घंटे में भूख लगती है और भूख के बारे में बताने के लिए वह धीमी आवाज में रोना शुरू करते हैं।

  • बच्चों के रोने की दूसरी प्रुख वजह थकान है। थकान होने पर बच्चे सोने की बजाय चिड़चिड़े हो सकते हैं। ऐसे में बच्‍चे रोकर अपनी बात बताते हैं। अगर आपका बच्‍चा थकान की वजह से रो रहा है तो उसे एक चादर में स्‍वैडल (लपेटें) करें और कंधे लगाकर रखें। ऐसे शिशु को मां के गर्भ जैसा एहसास होता है। ऐसे समय में आप बच्‍चे को गोद में लेकर वॉक पर भी जा सकते हैं।
  • बच्च् के रोने की तीसरी प्रमुख वजह पेट से जुड़ी परेशानियां जैसे कि गैस या कोलिक की वजह है। कोलिक बेबी दिन में कम से कम तीन घंटे और सप्‍ताह में कम से कम तीन दिन रोते हैं। यदि दूध पीने और पेट भरने के बाद भी आपका बच्‍चा रो रहा है तो इसका कारण गैस या पेट दर्द हो सकता है। आप शिशु कोग्राइप वॉटर कर उसे पेट दर्द से राहत दिला सकते हैं। आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि पांच से लगभग एक शिशु कोलिक होता है। आमतौर पर बच्‍चों में यह समस्‍या जन्‍म के बाद पहले महीने में देखी जाती है।
  • बच्चों के रोने की चौथी वजह नींद नहीं आना है। बच्चे छह महीने के होने के बाद अपने आप ही सोना सीख जाते है, लेकिन कभी कभी बच्‍चे अपनी मां या पिता के बिना नहीं सोते हैं। स्‍लीप शेड्यूल बनने के बाद भी बच्चे को आपके बिना नींद आने में दिक्‍कत हो सकती है और वह रोकर ही आपको अपने पास बुला सकता है। ऐसे में बच्‍चे के रोने पर उसके पास जाने की जरूरत नहीं है। रिसर्च में सामने आया है कि शिशु को धीरे-धीरे रोता हुआ छोड़ने से वह अपने आप ही सोना सीख जाते हैं और लंबी तथा गहरी नींद लेते हैं।
  • बच्चों के रोने की पांचवीं वजह डकार लेने की चाह होती है। यदि बच्‍चा दूध पीने या खाना खाने के बाद रो रहा है. तो इसका मतलब है कि उसे को डकार लेनी है। कई बार डकार न आने पर शिशु को असहज महसूस होता है और वह रोने गलता है। दूध पीने पर बच्‍चे हवा को भी निगल लेते हैं और यदि ये हवा शरीर से बाहर न निकले तो बच्‍चे को असहज महसूस हो सकता है। शिशु को दूध पिलाने के बाद उसे कंधे से लगाकर रखें और उसकी पीठ सहलाते रहें। इससे बच्‍चे को जल्‍दी डकार आ जाती है।

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