दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर को शुरू हो रहा है, जो एक अक्टूबर तक चलेगा लेकिन इस सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। राज्यसभा सचिवालय ने आज इस संबंध में अधिसूचना जारी की। उधर, सरकार के इस निर्णय का विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं तिरुवनंतपुरम में लोकसभा सांसद शशि थरूर ने विरोध के सुरों को दबाने वाला कदम करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैंने चार महीने पहले ही कह दिया था कि लोकतंत्र और विरोध के सुरों को दबाने के लिए महामारी का बहाना बनाया जाएगा। देरी से शुरू हो रहे सत्र के लिए बड़े आराम से कह दिया कि प्रश्नकाल नहीं होगा। हमें सुरक्षित रखने के नाम पर इसे जस्टिफाई कैसे कर सकते हैं?”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र के लिए ऑक्सीजन जैसा होता है। यह सरकार संसद को सिर्फ नोटिस बोर्ड तक समेटना और बहुमत को रबर स्टांप की तरह इस्तेमाल करना चाहती है, ताकि जो चाहे करवा सके।”
आपको बता दें, लोकसभा की कार्यवाही पहले दिन यानी 14 सितंबर को सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगी। वहीं अगले दिन सत्र 15 सितंबर से एक अक्टूबर तक अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक चलेगा।
2/2 Questioning the government is the oxygen of parliamentary democracy. This Govt seeks to reduce Parliament to a notice-board & uses its crushing majority as a rubber-stamp for whatever it wants to pass. The one mechanism to promote accountability has now been done away with.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 2, 2020