दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण प्रशांत भूषण के खिलाफ फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 25 अगस्त को कहा कि हम इस मामले में फैसला सुरक्षित रखते हैं। हमने सारी दलीलें सुनी। सभी संबंधित पक्षों, याचिकाकर्ता और प्रतिवादी की दलीलें सुनी गईं।
वहीं सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से भूषण को इस मामले में सजा नही देने और चेतावनी देकर छोड़ देने की अपील की। उन्होंने कहा, “कोर्ट उन्हें (भूषण) चेतावनी दे, सजा न दे।” लगभग दो घंटे तक चली इस सुनवाई के दौरान भूषण के वकील राजीव धवन ने कोर्ट से कहा, “ यदि सुप्रीम कोर्ट भूषण को सजा देता है तो विवाद और बढ़ जाएगा। एक समूह भूषण को शहीद बता रहा है और पक्ष समूह कह रहा है कि उन्हें उचित दंड दिया जा रहा है।”
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट 14 अगस्त को भूषण को उनके ट्वीट के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। यह पूरा मामला भूषण द्वारा 27 जून को न्यायपालिका के पिछले छह वर्ष के कामकाज को लेकर की गई टिप्पणी और 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस एसए बोबडे तथा चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़ा हुआ है।