संवाददादा

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कांग्रेस पार्टी की कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस कार्यसमित की बैठक के दौरान सोनिया गांधी नेताओं द्वारा भेजी गई चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने यह सब बीजेपी के इशारे पर किया है। इसमें बीजेपी की मिलीभगत है। राहुल के इस बयान का विरोध भी शुरू हो गया है। इसमें सबसे आगे हैं पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल।

आपको बता दें कि लगभग 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में पार्टी नेताों ने कहा था कि बीजेपी  लगातार आगे बढ़ रही है और पिछड़ रहे हैं। गत  चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए। इन नेताओं ने पार्टी में फुट टाइम लीडरशिप की आवश्यकता बताई थी।

उधर, पार्टी के  संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राहुल ने सीडब्ल्यूसी में  किसी भी नेता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया । उन्होंने ट्वीट कर कहा, “श्री राहुल गांधी ने किसी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कृपया मीडिया में गलत और गुमराह करने वाली सूचना देने का काम नहीं करें। इस वक्त हमें परस्पर लड़ने तथा एक दूसरे को आहत करने और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की बजाय मोदी सरकार की कुरीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए।” उनका यह बयान पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा कि वह श्राहुल के बीजेपी  के साथ सांठगांठ करने के आरोप से बहुत आहत हैं।

पार्टी में मचे घमासान का अंदाजा  इसी से लगाया जा सकता है कि सुरजेवाला अक्सर बैठक के बीच की खबरें ह्वाटसअप के जरिये मीडिया को भेजते थे, लेकिन आज सुबह से हो रही सीडब्ल्यूसी  के दौरान उन्होंने कोई सूचना बाहर नहीं दी है।  बैठक के दौरान सोनिया गांधी,  राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के प्रति  नाराजगी का इजहार किया है। उनका कहना था कि पत्र लिखने और उसे मीडिया में लीक करने का यह उचित समय नहीं है।

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