दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः आज गणेश चतुर्थी है। यह महोत्वस 10 दिनों तक चलता है और अनन्त चतुर्दशी के दिन पूरा होता है। करोना वायरस के कारण देश में पहली बार गणेश महोत्सव पाबंदियों के बीच मनाया जा रहा है। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इसी वजह से इस तिथि को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश जी के प्रसन्न होने से घर में सुख, समृद्धि और शांति कायम होती है। गणेश चतुर्थी से नए बिजनेस की शुरुआत, ज्वैलरी, प्रॉपर्टी और व्हीकल की खरीदारी शुभ मानी जाती है।

गणेश चतुर्थी पर इस साल ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से साध्य और रवियोग बन रहे हैं। साथ ही चंद्रमा हस्त नक्षत्र और कन्या राशि में रहेगा। इस साल के गणेश चतुर्थी की विशेष बात यह है कि सूर्य, मंगल, गुरु और शनि ये चारों ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश स्थापना करने से समृद्धि और सुख-शांति मिलेगी। पद्म पुराण के अनुसार गणेश जी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। इसलिए इसी समय गणेश स्थापना और पूजा करनी चाहिए।

कैसे करें पूजाः- दफ्तर या अन्य सार्वजनिक जगह पर गणेश स्थापना के लिए मिट्टी की मूर्ति बनाई जानी चाहिए। घर या दफ्तर में स्थाई रूप से गणेश स्थापना करना चाह रहे हैं तो सोने, चांदी, स्फटिक या अन्य पवित्र धातु या रत्न से बनी गणेश मूर्ति ला सकते हैं। गणेश प्रतिमा कहीं से खंडित नहीं होनी चाहिए। इसमें गणेश जी के हाथों में अंकुश, पाश, लड्डू हो और हाथ वरमुद्रा में यानी आशीर्वाद देते हुए हो। कंधे पर नाग रूप में जनेऊ और वाहन के रूप में मूषक होना चाहिए।

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